दिल्ली विश्वविद्यालय में न हों ऑनलाइन परीक्षाएं, हाई कोर्ट में याचिका दायर

दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार ऑनलाइन ओपन बुक सिस्टम के तहत परीक्षा होने जा रही है. परीक्षाओं को रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में 8 छात्रों ने याचिका दायर की है. याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट सुनवाई करेगा.

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दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो) दिल्ली हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

  • ऑनलाइन परीक्षा कराने के फैसले को दी गई है चुनौती
  • लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुई छात्रों की पढ़ाई
  • याचिका में छात्रों ने की है परीक्षाएं रोकने की अपील

दिल्ली विश्वविद्यालय के अलग-अलग कोर्सेज के अंतिम वर्ष के आठ छात्रों की तरफ से हाल ही में विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित होने जा रही ऑनलाइन परीक्षाओ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में विश्वविद्यालय के ऑनलाइन परीक्षा कराने के फैसले को चुनौती दी गई है. छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा रद्द करने की कोर्ट से गुहार लगाई है.

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इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है. दरअसल हंसराज कॉलेज के एमए अंतिम वर्ष के छात्र अनुपम सहित आठ छात्रों ने अपनी याचिका में कहा है कि पूरे लॉकडाउन के चलते छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. छात्रों का कहना है कि पढ़ाई के बुरी तरह से प्रभावित होने के चलते परीक्षाओं को देने के लिए छात्र अभी तैयार ही नहीं हैं.

याचिका में दलील दी गई है कि लॉकडाउन के दौरान होने वाली ऑनलाइन क्लासेज में छात्रों की उपस्थिति भी बहुत कम रही है. कई तो कोर्सेज ऐसे हैं, जिसमें कॉलेज में पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में फिलहाल ऑनलाइन एग्जाम नहीं होना चाहिए. विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षाओं को फिलहाल रद्द करना चाहिए.

नहीं उपलब्ध हैं ऑनलाइन संसाधन!

ऑनलाइन क्लासेज पर सवाल उठाते हुए याचिका में कहा गया है कि डीयू ने अपने नोटिफिकेशन में ऑनलाइन परीक्षाओं में साधन विहीन लोगों के लिए कॉमन सुविधा केन्द्र की भी व्यवस्था की है. इसका आशय है कि डीयू भी इस बात से सहमत है कि सभी छात्रों के पास ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध नहीं हैं. फिर ऐसे में डीयू ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए सिलेबल खत्म करने का दावा कैसे कर सकता है.

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लॉकडाउन के हालात कई महीने बिताने के बाद ये परीक्षाएं महज औपचारिकता हैं और इससे विश्वविद्यालय के करीब ढाई लाख स्टूडेंट के रिजल्ट पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि इस ऑनलाइन एक्जाम में कदाचार को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है.

याचिका में कहा गया है कि परीक्षा में बैठने वाले स्टूडेंट्स से लिया जाने वाला शपथ पत्र सिर्फ़ एक फॉर्मलिटी है और परीक्षा में किसी छात्र के स्थान पर उस विषय का कोई अन्य एक्सपर्ट भी उसकी परीक्षा ख़ुद देकर उसका गलत फायदा उठा सकता है.

ओपन बुक सिस्टम के तहत होगी परीक्षा

इससे पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट में ऐसी कई याचिकाएं पड़ चुकी हैं लेकिन कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी की परीक्षा में दखल देने से इंकार कर दिया था. दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार ऑनलाइन ओपन बुक सिस्टम के तहत परीक्षा हो रही है.

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यूनिवर्सिटी की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के फाइनल ईयर की ऑनलाइन परीक्षा 10 जुलाई से शुरू होने जा रही है.पहले यह परीक्षा 1 जुलाई से होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते 10 जुलाई तक परीक्षा को टाल दिया गया था.

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