दिल्ली के ट्रेड फेयर में किसान चाची की धूम

ट्रेड फेयर में इस बार अचार और मुरब्बे आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. लेकिन ये अचार और मुरब्बे कोई साधारण अचार या मुरब्बे नहीं हैं, बल्क‍ि किसान चाची के हाथों से बने हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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ट्रेड फेयर में किसान चाची ट्रेड फेयर में किसान चाची

स्मिता ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

इस बार के ट्रेड फेयर में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया की रहने वाली राजकुमारी देवी के स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. सभी उनके हाथों से बने अचार और मुरब्बे के दीवाने हुए जा रहे हैं. ट्रेड फेयर में जिन्हें भी राजकुमारी देवी के बारे में पता चल रहा है, उनके स्टॉल का एक चक्कर जरूर लगा रहे हैं.

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दरअसल, अचार और मुरब्बे का स्टॉल लगाने वाली राजकुमारी देवी कोई और नहीं, बल्क‍ि बिहार की 'किसान चाची' हैं, जो गांव-गांव साइकिल से घूमकर महिलाओं को उत्थान और श‍िक्ष‍ा के लिए प्रोत्साहित करती हैं.

किसान चाची राजकुमारी देवी पहले अपने खेत की उपज सीधे बाजार में बेचती थीं. लेकिन अब वो ऐसा नहीं करतीं. अपने खेत में पैदा होने वाले ओल को वो सीधे बाजार में बेचने की बजाय अब उसका अचार और आटा बनाकर बेचती हैं. अचार के बिजनेस से राजकुमारी को अच्छी आय होने लगी और आज वो न केवल बिहार के लोकप्रिय हैं, बल्कि देश भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र हैं.

मुश्किल भरा था सफर

प्रगति मैदान में लगे ट्रेड फेयर में किसान चाची अपने पति और बेटे के साथ हाथों से बने अचार मुरब्बे और अन्य खाद्य चीजों का स्टाल लगा कर अपने राज्य का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. हमसे खास बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरा यहां तक पहुंचने का सफर बेहद मुश्किल भरा था. घर से लेकर समाज में भी कड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी. लेकिन आज अच्छा लगता है, जब सब मुझे किसान चाची कह कर बुलाते हैं.  

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सफलता का श्रेय

अपनी सफलता का श्रेय वो अपने पति को देती हैं और मानती हैं कि गांव और शहर में महिलाओं को आगे बढ़ने में पुरुषों का योगदान सबसे बड़ा है. तकलीफ और दुख सबकी ज‍िन्दगी में होते हैं, पर कभी भी अपने बुरे वक्त में हार नहीं मानना चाहिए और हर हालात का डट कर सामना करना चाहिए.

अच्छी आमदनी की उम्मीद

ट्रेड फेयर में आई किसान चाची को यहां अच्छी आमदनी की उम्मीद है. हालांकि वो ये मानती हैं कि उनका मुकाबला फैक्ट्री में बनाए गए सस्ते अचार और दूसरी चीजों से है. हम सब कुछ हाथ से बनते हैं. इसलिए मेरी सारी चीजें थोड़ी महंगी हैं, लेकिन एक बार मेरा बनाया अचार जिसने भी चख लिया वो बिना तारीफ किए नहीं रह सकता.

मिल चुका है सम्मान

किसान चाची को बिहार के मुखिया से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं और आज भी उनकी आंखें अमिताभ बच्चन से एक टीवी शो पर हुई मुलाकात को याद कर के चमक उठती हैं.  छोटे से गांव से इस मुकाम तक पहुंची किसान चाची एक मिसाल हैं. उन्होंने ये साबित कर दिया कि कोई भी कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल कर सकता है.

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