गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या ने पूरे देश के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. खासकर दिल्ली सरकार इस घटना के बाद एक्शन में आ गई है. राजधानी में रेयान स्कूल की 9 बसों को सीज कर दिया है. हालांकि, इस दौरान अलग-अलग स्कूलों की कुल 123 बसों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.
ड्राइवर के पास नहीं था लाइसेंस
दरअसल, गुरुग्राम की घटना के बाद दिल्ली में सरकार ने इंफोर्समेंट विभाग की 20 टीमों को स्कूल बसों की चेकिंग में लगाया. जिसके बाद नॉर्थ और ईस्ट दिल्ली में चेकिंग ड्राइव चलाई गई. इस दौरान रोहिणी और वसंत कुंज स्थित रेयान स्कूल के बसों की भी चेकिंग की गई.
जहां पाया गया कि इन बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों के पास लाइसेंस ही मौजूद नहीं था. इतना ही नहीं ज्यादातर कंडक्टरों के पास कोई बैच तक नहीं था. ये वो बैच होते हैं जो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद दिए जाते हैं. मगर, सरकार की जांच टीम ने पाया कि रेयान स्कूल की बस पर चलने वाले कंडक्टरों के पास बैच नहीं थे.
जांच टीम को रेयान स्कूल की ऐसी 9 बसें मिलीं, जिनके ड्राइवर और कंडक्टर नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. जिसके बाद इन बसों को जब्त कर लिया गया.
हालांकि, इस दौरान सिर्फ रेयान स्कूल की बसों पर ही कार्रवाई नहीं की गई. बल्कि, जांच के दौरान बाकी दूसरे स्कूलों की बस में भी नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई. द्वारका, पीतमपुरा और रोहिणी के कुछ और स्कूलों की बसों पर भी कार्रवाई की गई और इस दौरान रेयान समेत 8 स्कूलों की कुल 123 बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गौतम ने बताया कि इस तरह की कैब का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है और वो गैरकानूनी तरीके से चलाई जाती हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसी कैब्स का रजिस्ट्रेशन ट्रांसपोर्ट विभाग में ज़रूरी है, साथ ही ड्राइवर का 5 साल का अनुभव होना चाहिए. बच्चों की सुरक्षा में कंडक्टर का अहम रोल है, लेकिन हमारी टीम ने जांच में पाया कि इनके पास बैच ही नहीं है, जो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद मिलता है'.
पंकज जैन