विदेश भेजने के नाम पर धोखधाड़ी के मामले में आए दिन सामने आते रहते हैं. इस तरह के अधिकतर मामलों में ट्रैवल एजेंट ही शामिल होते हैं. दिल्ली पुलिस को पिछले कई महीनों से इस तरह की शिकायत मिल रही थी. इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया है. इसकी पुष्टी अधिकारियों ने खुद की है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से पीटीआई को दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस साल जून तक धोखाधड़ी के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हुए देश भर से यात्रियों को विदेश भेजने के आरोप में 100 से अधिक जालसाज ट्रैवल एजेंटों को गिरफ्तार किया है.
इन राज्यों से हुई है गिरफ्तारी
इन ट्रैवल एजेंटों को पंजाब, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया है. आईजीआई एयरपोर्ट के एक बयान के मुताबिक 2023 में इसी अवधि के दौरान 51 धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों को पकड़ा गया था.
पुलिस उपायुक्त (IGI Air Port) उषा रंगनानी ने कहा, "हमने कुल 108 ऐसे एजेंटों को गिरफ्तार किया है और ये गिरफ्तारियां देशभर में की गई हैं. पुलिस ने अपना ध्यान केवल यात्रियों को निशाना बनाने के बजाय एजेंटों को जवाबदेह ठहराने पर केंद्रित कर दिया है." वहीं, अधिकारी ने आगे दावा किया कि विदेश भाग गए या लापता एजेंटों के लिए लगभग 75 लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किए गए हैं, ताकि भारत आने या यहां से जाने पर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित हो सके.
यात्रियों को देते हैं नकली वीजा
एजेंटों की कार्यप्रणाली का खुलासा करते हुए अधिकारी ने कहा कि ये यात्रियों को नकली वीजा मुहैया कराते हैं. यात्री इस तरह के वीजा को पहचान नहीं पाते हैं. क्योंकि ये असली से काफी मिलते-जुलते भी हैं. अधिकारी ने कहा कि मूल वीजा से मिलते-जुलते होने के बावजूद भी यात्रियों को अक्सर आव्रजन जांच चौकियों या एयरलाइन काउंटरों पर पकड़ लिया जाता है.
डीसीपी ने कहा, "हमने इस साल के पहले छह महीनों में कुल 19 ऐसे एजेंटों को गिरफ्तार किया है जो इस तरह के फर्जी वीजा घोटाले में शामिल थे. हमने 11 एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है जो डोंकी रूट्स घोटाले (लोगों को अवैध रूप से सीमा पार करने में मदद करना) में शामिल थे।"
अधिकारी ने आगे कहा कि उन्होंने 24 एजेंटों को भी पकड़ा है जो कथित तौर पर समान चेहरे वाले किसी और के पासपोर्ट की व्यवस्था करने में शामिल थे। अधिकारियों ने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में एक 24 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जिसने एक एजेंट की मदद से खुद को 67 वर्षीय व्यक्ति के रूप में पेश किया था.
अधिकारियों ने कहा कि"हमने फर्जी सीमैन बुक के तहत दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है. साथ ही हमारी टीमों ने विदेशी नागरिकों के लिए नकली भारतीय पासपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए 21 एजेंटों और पासपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 12 एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है.
डीसीपी ने कहा, "इसके अलावा, हमने फर्जी यात्रा इतिहास बनाने के आरोप में आठ एजेंटों को गिरफ्तार किया है. जबकि बिना किसी प्रस्थान मामले के सात अन्य एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है."
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