दिल्ली: अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, सत्येंद्र जैन बोले- राजस्थान को पहले सप्लाई से समस्या

दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन कुछ सप्लायर को कहा गया है कि राजस्थान में पहले सप्लाई करेंगे.

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CM अरविंद केजरीवाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन (फाइल फोटो-PTI) CM अरविंद केजरीवाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन (फाइल फोटो-PTI)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन कुछ सप्लायर को कहा गया है कि राजस्थान में पहले सप्लाई करेंगे. इस समस्या को बातचीत करके सुलझाया जा रहा है. दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई उत्तरप्रदेश और राजस्थान से आती है. 

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 6 से 7 दिन की ऑक्सीजन का स्टॉक है. हालांकि 7 दिन का स्टॉक होना ही चाहिए और कुछ अस्पतालों में 7 दिन से कम का स्टॉक है. इससे पहले सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही.

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बेड आरक्षित करने के फैसले पर लगी रोक
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें निजी अस्पतालों को कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित रखने का आदेश दिया गया था. जस्टिस नवीन चावला की अगुवाई वाली बेंट ने 'एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स' की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह आदेश दिया.

पीठ ने दिल्ली सरकार, डीजीएचएस और केंद्र सरकार से जवाब मांगा और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर तक टाल दिया. याचिका में कहा गया कि आदेश को इस बात का अहसास किए बिना अनियंत्रित, अनुचित और अवैध तरीके से पारित कर दिया गया कि निजी नर्सिग होम और अस्पतालों को इससे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि क्रिटिकल केयर बेड की मौजूदा मांग-आपूर्ति की स्थिति को समझने के लिए निजी अस्पतालों के साथ बिना किसी पूर्व चर्चा के आदेश जारी किया गया है. दिल्ली में गंभीर रूप से बीमार रोगियों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले आवश्यक और संवैधानिक रूप से गारंटीकृत आईसीयू / एचडीयू में गहन चिकित्सा उपचार के आवश्यक स्तर तक पहुंच से वंचित कर दिया गया.

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