दिल्ली: धारदार मांझे की वजह से दो दिन में घायल हुए 500 से ज्यादा पक्षी

15 अगस्त को देश की स्वतंत्रता का प्रतीक मानकर हर कोई रंग बिरंगी पतंगों की बाजी लगाकर खुशी मनाता है, लेकिन हमारे इस शौक की सजा सैंकड़ों बेजुबान पक्षि‍यों को मिलती है. पतंग के तेज धारदार मांझे की वजह से आसमान में उड़ते पक्षी घायल हो जाते हैं.

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पक्ष‍ियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है मांझा पक्ष‍ियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है मांझा

प्रियंका सिंह / रोहित गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:11 PM IST

15 अगस्त को देश की स्वतंत्रता का प्रतीक मानकर हर कोई रंग बिरंगी पतंगों की बाजी लगाकर खुशी मनाता है, लेकिन हमारे इस शौक की सजा सैंकड़ों बेजुबान पक्षि‍यों को मिलती है. पतंग के तेज धारदार मांझे की वजह से आसमान में उड़ते पक्षी घायल हो जाते हैं. पुरानी दिल्ली के धर्मार्थ पक्षी चिकित्सालय में पिछले दो दिनों में 500 से ज्यादा घायल पक्षी लाए गए हैं और ये सिलसिला अभी तक जारी है.

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अस्पताल प्रबंधक सुनील जैन के मुताबिक पूरे साल हजारों घायल पक्षी अस्पताल में आते हैं लेकिन सिर्फ अगस्त महीने में इनके पास सैकड़ों मामले आ चुके हैं. इन सब की वजह हैं मांझा और पतंगबाजी. इन पक्ष‍ियों में ज्यादातर कबूतर हैं. इसके अलावा दूसरे पक्षी और यहां तक कि‍ घायल मोर भी इस अस्पताल में लाए गए. इन पक्ष‍ियों की रेगुलर मरहम पट्टी की जा रही हैं और सबको जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश अस्पताल प्रशासन कर रहा है.

एकमात्र चेरिटेबल बर्ड हॉस्पिटल होने के नाते यहां पर डॉक्टरों की टीम हर तरह से पक्षि‍यों की देखभाल तो कर रही है लेकिन अगर इसी तरह से मांझे और पतंग का ये खेल चलता रहा तो इन बेजुबानों की मौत का जिम्मेदार कौन होगा? अस्पताल प्रशासन ने भी सरकार से चाइनीज मांझे और पतंगबाजी पर रोक लगाने की मांग की है.

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