दिल्ली-NCR में भूकंप, दफ्तरों से बाहर आए लोग

एक कर्मचारी अनुराग ने बताया कि पहला झटका काफी हल्का था, लेकिन दूसरे झटके से उनके सामने टेबल पर रखी पानी बोतल गिर गई.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

जावेद अख़्तर / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों ने लोगों को कुछ देर के लिए हिला दिया. लुटियन दिल्ली के तमाम सरकारी दफ्तरों से लोग खुद को बचाने के लिए सड़क पर निकल आए. भूकंप के वक्त ऊंची इमारतों पर मौजूद लोग ज्यादा घबराए नजर आए.

पटेल चौक के आसपास कई बड़े और ऊंची इमारतों वाले सरकारी दफ़्तर हैं. यहां लोग लंच टाइम से पहले ही सड़क पर टहलते नज़र आए. सरकारी कर्मचारी मनीष ने बताया कि उन्होंने जबरदस्त भूकंप के झटके महसूस हुए और अब वो दफ्तर के अंदर तब तक नहीं जाएंगे जबतक इन्हें पूरी तसल्ली नहीं हो जाती. अनुराग ने बताया कि पहला झटका काफी हल्का था, लेकिन दूसरे झटके से उनके सामने टेबल पर रखी पानी की बोतल गिर गई.

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हितेश ने बताया कि भूकंप आते ही लोग अपना काम छोड़कर सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे. इस बीच उन्होंने दफ्तर में लगे बोर्ड और पंखों को हिलते हुए भी देखा. हितेश ने कहा कि भूकंप के बाद आफ्टर शॉक से बचने के लिए वो फिलहाल सड़क पर ही इंतजार करेंगे. तो वहीं सुनील नाम के शख्स ने भी भूकंप का अनुभव साझा करते हुए बताया कि वो अपने दफ्तर की छठीं मंजिल पर काम करते हैं. सुनील का कहना है कि उन्हें सबसे झटके महसूस हुए जिसके बाद उन्होंने अपने घरवालों को फोन कर हालचाल भी पूछा.

लुटियन दिल्ली में मौजूद केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से बाहर निकल रहे यात्रियों ने भी भूकंप के झटके महसूस किए. यहां मौजूद रेल भवन में काम करने वाले रितेश बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें बहुत हल्के झटके लगे लेकिन जब आसपास लोग भागने लगे तो वो खुद भी दफ्तर से बाहर आ गए. रितेश का मानना है कि दिल्ली में हर 3 महीने इस तरह के झटके आते रहते हैं.

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जब भूकंप आया तब वेदपाल संसद भवन के भीतर मौजूद थे. वेदपाल से जब भूकंप के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 'मैं संसद भवन में लोकसभा के अंदर था. जैसे ही भूकंप के झटके आए सभी साथी संसद से बाहर निकल गए.'

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