मुख़र्जी नगर में ऑटो ड्राइवर की पिटाई मामले में दिल्ली पुलिस ने दाखिल की स्टेटस रिपोर्ट

दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर की पिटाई की घटना को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस मामले में कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर जॉइंट कमिश्नर मनीष अग्रवाल को 1 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट कोर्ट को देने के आदेश दिए थे.

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मुख़र्जी नगर में ऑटो ड्राइवर की पिटाई मामले में 2 जुलाई को अगली सुनवाई मुख़र्जी नगर में ऑटो ड्राइवर की पिटाई मामले में 2 जुलाई को अगली सुनवाई

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2019,
  • अपडेटेड 12:35 AM IST

दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर की पिटाई की घटना को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस मामले में कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर जॉइंट कमिश्नर मनीष अग्रवाल को 1 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट कोर्ट को देने के आदेश दिए थे.

मुखर्जी नगर में ड्राइवर और उसके नाबालिग 15 साल के बेटे की पिटाई के मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि इस मामले में अब तक सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. हाई कोर्ट में दाखिल स्टेट्स रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि इसमें तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है जबकि दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है.

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पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट में कोर्ट को यह भी बताया है कि जिन दस पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच चल रही है उनका मुखर्जी नगर से ट्रांसफर किया जा चुका है. जांच में वीडियो फुटेज के आधार पर ये बात भी सामने आई है कि 6 पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को पकड़ रखा था और तीन पुलिसकर्मियों ने ऑटो ड्राइवर की पिटाई की.

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घटना के समय वीडियो बनाने वाले कई लोगों के बयान भी उन्होंने जांच के दौरान दर्ज किए हैं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा था. कोर्ट इस बात पर भी नाराज था कि सिर्फ 3 पुलिसकर्मियों को ही सस्पेंड किया गया जबकि मारपीट के इस मामले में कई पुलिसकर्मी शामिल थे.

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वहीं, दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो ड्राइवर और उसके बेटे से मारपीट की जांच सीबीआई से कराने को लेकर हफ्ते भर पहले दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी. पहली सुनवाई पर इस पूरे मामले की सोशल मीडिया पर वायरल हुई फुटेज को कोर्ट में देखकर जज इतने नाराज थे कि उन्होंने पुलिस को साफ-साफ कह दिया कि पुलिस का काम लोगों की हिफाजत करना होता है, उनका भरोसा जीतना होता है, सरेआम सैकड़ों लोगों के सामने किसी की पिटाई करना नहीं.

कोर्ट खासतौर से ऑटो ड्राइवर के 15 साल के नाबालिग बेटे की पिटाई को लेकर नाराज था. कोर्ट ने साफ किया कि आप के इस व्यवहार से आम जनता की नजरों में पुलिस के लिए भरोसा कम हुआ है. इस मामले में 2 जुलाई को कोर्ट अगली सुनवाई करेगा.

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