दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने FB पर लिखा- जमातियों के साथ कैदियों जैसा सुलूक हो रहा

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ जफरुल इस्लाम खान ने दिल्ली सरकार को पत्र गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि एक ओर तबलीगी जमात के लोगों को क्वारनटीन की अवधि को पूरा करने के बाद छोड़ा नहीं जा रहा है. उनके साथ छुआ-छूत हो रहा है और उन्हें कैदियों की तरह रखा जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर सरकार जमातियों के प्लाज्मा का इस्तेमाल कर रही है.

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तबलीगी जमात के लोग तबलीगी जमात के लोग

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST

  • दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने कहा कि जमातियों के साथ छुआ-छूत
  • जमात के लोगों को 14 दिन क्वारनटीन के बाद भी नहीं छोड़ा- जफरुल

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने क्वारनटीन सेंटर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ हो रहे गलत व्यवहार को लेकर दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है, जिस पर कार्रवाई न होती देख उन्होंने इसे फेसबुक पर भी पोस्ट किया है. जफरुल इस्लाम खान ने अपने पत्र में केंद्र और दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि तबलीगी जमात के लोगों को क्वारनटीन की अवधि को पूरा करने के बाद छोड़ा नहीं जा रहा है और उनके साथ छुआ-छूत हो रही है और उन्हें कैदियों की तरह रखा जा रहा है.

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जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि एक तरफ सरकार कोरोना वायरस ठीक हुए जमातियों का प्लाज्मा इस्तेमाल कर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें कैदियों से भी बदतर हालात में रखा जा रहा है. उनके साथ छुआ-छूत का व्यहवार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तबलीगी जमात के लोगों को ना तो समय पर दवाई मिल रही है और ना खाना. ना ही डॉक्टर उनके इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में अगर कोई बाहर का व्यक्ति जमातियों को ज़रूरी सामान देना चाहता है या मदद करना चाहता है तो उसकी भी इजाजत नहीं है.

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन का आरोप है कि हजारों तबलीगी जमातियों को बंदी बना लिया गया है. नंदनगरी में 2 हजार लोगों को फ्लैट के अंदर खतरनाक अपराधियों की तरह रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कोरोना संक्रमण के संपर्क में आने वाले के लिए 14 दिन का क्वारनटीन पीरियड होता है, लेकिन जमातियों को 48 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं. इसके बावजूद जमात के लोगों को छोड़ा नहीं जा रहा है. उन्होंने सवाल खड़े किए हैं कि इन्हें क्यों रखा जा रहा है और क्यों नहीं छोड़ा जा रहा है इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है.

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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन का पत्र

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जफरूल इस्लाम खान का कहना है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने इससे पहले कई इलाके के एसडीएम को क्वारनटीन में रखे गए तबलीगी जमात के लोगों की बुरी हालात से आगाह किया था. लेकिन आयोग के नोटिसों का कोई असर नहीं हुआ. आयोग के कहने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने फेसबुक पर लिखना शुरू किया.

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बता दें कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरेमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने इससे पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव को एक पत्र लिख कर कोरोना बुलेटिन के तरीके पर आपत्ति जतायी थी. जफरुल इस्लाम खान ने कहा था कि रोजाना के बुलेटिन में निजामुद्दीन मरकज का जिक्र न किया जाए, क्‍योंकि ऐसा करने से 'इस्लामोफोबिया के एजेंडे को बढ़ावा मिलता है. इसके बाद से दिल्ली में सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले कोरोना बुलेटिन में तबलीगी जमात से जुड़े मामलों का अलग से जिक्र नहीं किया गया.

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