'झूठ बोल रहे हैं', सौरभ भारद्वाज का दिल्ली LG पर आरोप, बोले- खुले मंच पर आकर करें बहस

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने प्रेस नोट में यह बात कही कि इस बैठक के बाद मुझे मालूम हुआ कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में इतने सारे अस्पतालों में निर्माण का कार्य चल रहा है और इस निर्माण कार्य के लिए बजट एलोकेट किया गया है. उपराज्यपाल सरासर झूठ बोल रहे हैं.

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सौरभ भारद्वाज ने एलजी वीके सक्सेना पर लगाए गंभीर आरोप सौरभ भारद्वाज ने एलजी वीके सक्सेना पर लगाए गंभीर आरोप

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:42 AM IST

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को खुले मंच पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया. मंत्री सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए और अन्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. उपराज्यपाल द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार लगभग 13 अस्पतालों में नए ब्लॉक बनाने का काम किया जा रहा है, चार नई जगह पर नए अस्पताल बनाने का काम किया जा रहा है और सात वर्तमान में संचालित अस्पतालों में कुछ बदलाव करके उन्हें आईसीयू अस्पताल में तब्दील करने का कार्य चल रहा है. 

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उपराज्यपाल द्वारा इस प्रेस नोट के जरिए दिल्ली सरकार पर उठाए गए प्रश्न, जिसमें उन्होंने कहा कि इन सभी अस्पतालों का क्या फायदा जब अस्पतालों में स्टाफ ही मौजूद नहीं है, डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं है, उस पर जवाब देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सही मायने में यह प्रश्न तो हमें उपराज्यपाल से करना चाहिए. यह बात जनहित में है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की और अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार उपराज्यपाल के अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है.

नियुक्ति की जिम्मेदारी उपराज्यपाल की: भारद्वाज

उन्होंने कहा कि यदि अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है, अन्य स्टाफ की कमी है तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर उपराज्यपाल की बनती है. दिल्ली सरकार का जो कार्य है, अस्पताल बनाने का, अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराने का, वह सभी काम दिल्ली सरकार बखूबी कर रही है. परंतु अस्पतालों में डॉक्टरों की तथा अन्य सहायक स्टाफ की नियुक्ति करने का कार्य सीधे तौर पर उपराज्यपाल और उनके अधीन आने वाले सर्विसेज विभाग का है. यदि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है, स्टाफ नहीं है तो इसके लिए सीधे तौर पर उपराज्यपाल और उनके अधीन आने वाला सर्विसेज विभाग है. 

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उपराज्यपाल सरासर झूठ बोल रहे: दिल्ली मंत्री

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपने प्रेस नोट में यह बात कही कि इस बैठक के बाद मुझे मालूम हुआ कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में इतने सारे अस्पतालों में निर्माण का कार्य चल रहा है और इस निर्माण कार्य के लिए बजट एलोकेट किया गया है. उपराज्यपाल सरासर झूठ बोल रहे हैं. प्रत्येक वर्ष अस्पतालों में नव निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिए बजट एलोकेशन होता है. यह बजट पहले कैबिनेट से पास होता है, उसके बाद उप राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए जाता है, उसके पश्चात केंद्र सरकार के पास अप्रूवल के लिए जाता है, फिर दोबारा लौटकर विधानसभा में आता है और उस पर विधानसभा में वोटिंग होती है. 

उन्होंने कहा कि जब प्रतिवर्ष अस्पतालों के निर्माण के लिए जो बजट एलोकेट होता है, वह उपराज्यपाल महोदय के पास भी स्वीकृति के लिए जाता है, तो वह कैसे कह सकते हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं थी. किसी भी विभाग के सचिव का कार्य होता है कि वह उस विभाग से संबंधित रिक्त पदों पर नियुक्ति, तथा विभाग से संबंधित नए पदों का निर्माण सर्विसेज विभाग के साथ और उपराज्यपाल के साथ मिलकर करें और उस पर विज्ञापन निकालकर भर्तियां की जाएं, इस प्रकार से दिल्ली सरकार के नई बन रहे हैं अस्पतालों में नए पदों का निर्माण करना तथा उस पर नियुक्ति करवाने का कार्य स्वास्थ्य सचिव का था, जो उन्होंने नहीं किया. 

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