दिल्ली: कोरोना के नाम पर कैदियों को मिली 'राहत' खत्म, कोर्ट ने सरेंडर करने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोरोना के मद्देनजर जिन 5581 कैदियों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी, वो अब ख़त्म की जा रही है.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना के चलते कैदियोंं को मिली अंतरिम जमान रद्द करने का फैसला लिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना के चलते कैदियोंं को मिली अंतरिम जमान रद्द करने का फैसला लिया है.

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST
  • 5581 कैदियों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी
  • निचली अदालतों में अर्जी लगाने की छूट
  • चरणबद्ध तरीके से सरेंडर कराने का आदेश

कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में कैदियों को मिली राहत अब खत्म हो गई है. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोरोना के मद्देनजर जिन 5581 कैदियों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी, वो अब ख़त्म की जा रही है. यानि अब इन सभी कैदियों को जेल में सरेंडर करना होगा.

बता दें कि तिहाड़ समेत दिल्ली के अन्य जेलों में कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक थी, जिसे देखते हुए कोरोना संक्रमण को जेल में फैलने से रोकने के लिए अप्रैल में कोर्ट ने विचाराधीन कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. संगीन अपराधों के विचाराधीन 2318 कैदियों की कोरोना काल में अंतरिम जमानत अब और नहीं बढ़ेगी. हालांकि कोर्ट ने सहूलियत के लिए कैदियों को चरणबद्ध तरीके से सरेंडर करने के लिए कहा है. कैदियों के सरेंडर के लिए 2 नवंबर से 13 नवंबर के बीच का समय तय किया है. 

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वहीं, 2907 कैदी ऐसे हैं जिन्हें हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, कोर्ट ने उनके संबंध में कमिटी को 10 दिनों के भीतर फैसला लेने के लिए कहा है.कोर्ट ने इन कैदियों को छूट दी गई है कि वे दिल्ली की निचली अदालतों में जाकर मेरिट के आधार पर अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग करटे हुए अर्जी लगा सकते हैं.

अब यह अदालतों के ऊपर होगा कि वह हर केस की मेरिट को देखते हुए यह तय करें कि क्या कैदी की जमानत को आगे बढ़ाया जा सकता है या फिर उसे तिहाड़ जेल में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक सरेंडर करना होगा. जिन 356 कैदियों हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत दी गई है, उन्हें 13 नवंबर तक सरेंडर करना होगा. 

सिविल मामलों, जिनमें अंतरिम आदेश जारी हुए, उनमें यह राहत अगली सुनवाई की तारीख तक प्रभावी रहेगी. जेल प्रशासन की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया था कि फिलहाल 16000 कैदी पहले ही तिहाड़ जेल में हैं जबकि तिहाड़ के कैदियों को रखने की क्षमता 10 हज़ार केे आसपास है. तिहाड़ प्रशासन की तरफ से भी बताया गया था कि कुछ पुलिस अधिकारियों को भी कोरोना हुआ था लेकिन वह या तो क्वारंटाइन में है या अस्पतालों में भर्ती हैं, ऐसे में कैदियों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

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