दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने का मामला, हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से एक्शन प्लान मांगा

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में बम की धमकियों की लगातार घटनाओं से निपटने के लिए एक "कार्य योजना" के बारे में जानकारी देने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ता, वकील अर्पित भार्गव द्वारा दायर एक आवेदन पर अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया.

Advertisement
HC ने केजरीवाल सरकार से एक्शन प्लान मांगा HC ने केजरीवाल सरकार से एक्शन प्लान मांगा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 9:25 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में बम की धमकियों की लगातार घटनाओं से निपटने के लिए एक "कार्य योजना" के बारे में जानकारी देने को कहा है. अदालत ने याचिकाकर्ता, वकील अर्पित भार्गव द्वारा दायर एक आवेदन पर अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया. उन्होंने दावा किया था कि पिछले साल स्कूलों में बम की धमकी की पांच घटनाओं में से तीन की अभी तक जांच नहीं की गई है और उन्हें किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचाया गया है.

Advertisement

हाल के एक आदेश में जज सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. उन्होंने कहा कि जवाबी हलफनामे में सरकार को कार्य योजना का संकेत दिया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता डीपीएस, मथुरा रोड में पढ़ने वाले एक बच्चे के पिता हैं, जिसे पिछले साल ऐसी धमकी भरी कॉल मिली थी.

याचिकाकर्ता के नए आवेदन में कहा गया, 'माननीय न्यायालय को भी इसी तरह से निशाना बनाया गया था जब 15.02.24 को बम हमले से जुड़े एक धमकी भरा ईमेल भेजा गया. इसके बाद दिल्ली की सभी अदालतों में सख्त सुरक्षा अभ्यास शुरू करना पड़ा.'

आवेदन में कहा गया, 'ऐसी घटनाएं दैनिक दिनचर्या बन गई हैं, जिससे न केवल याचिकाकर्ता बल्कि सभी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बच्चों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है और इसका कोई समाधान नहीं दिखता, खासकर तब जब प्रतिवादी नंबर 1 (दिल्ली सरकार) द्वारा आज तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है.' याचिकाकर्ता की ओर से वकील बीनाशॉ एन सोनी ने पक्ष रखा.

Advertisement

मुख्य याचिका में भार्गव ने कहा है कि वह यहां के स्कूलों को बार-बार मिलने वाले बम की धमकी वाले ईमेल से निपटने में दिल्ली सरकार और पुलिस के ढुलमुल रवैये और इसके परिणामस्वरूप बच्चों, शिक्षकों, कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिकारियों की विफलता से व्यथित हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement