EXCLUSIVE: मेट्रो के बाद दिल्ली में ऑटो किराया बढ़ाने की तैयारी?

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि परिवहन विभाग की 'ऑटो फेयर रिवीजन कमेटी' हर पहलू पर चर्चा करेगी. इसके बाद किराया बढ़ाने या नहीं बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला लेगी.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

केशवानंद धर दुबे / मोनिका गुप्ता / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

देश की राजधानी में पिछले साल मेट्रो और इस साल मेट्रो- पार्किंग का किराया बढ़ने के बाद अब ऑटो का किराया बढ़ाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग को एक 'ऑटो फेयर रिवीजन कमेटी ' बनाने का आदेश दिया है.

'आजतक' से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि परिवहन विभाग की 'ऑटो फेयर रिवीजन कमेटी' हर पहलू पर चर्चा करेगी. इसके बाद किराया बढ़ाने या नहीं बढ़ाने को लेकर अंतिम फैसला लेगी.

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गहलोत ने आगे बताया कि सरकार के सामने ऑटो यूनियन की तरफ से मांग रखी गई है. यहां महंगाई का हवाला देते हुए ऑटो किराया बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. 'ऑटो फेयर रिवीजन कमेटी' में अलग- अलग सरकारी विभागों के अधिकारी, ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी, तमाम ऑटो यूनियन, रोजाना ऑटो में सफर करने वाले यात्रियों के अलावा एनजीओ को भी चर्चा के लिए शामिल किया जाएगा.

साल 2017 में जब दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ा, तब आम आदमी पार्टी सरकार ने जमकर विरोध किया था. मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच राजनीतिक घमासान भी हुआ. हाल ही में मेट्रो पार्किंग का किराया बढ़ने पर भी अरविंद केजरीवाल ने दुःख जताते हुए कहा है कि इस फैसले से सड़कों पर भीड़ और शहर में प्रदूषण बढ़ेगा.

हालांकि, पहले मेट्रो किराए का विरोध और अब ऑटो किराया बढ़ाने के लिए कमेटी  पर जब 'आप' सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि अधिकतर यूनियन किराया बढ़ाने के पक्ष में हैं. लेकिन इस पर अंतिम फैसला कमेटी लेगी.

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ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन ने कुछ अन्य संगठन के साथ मिलकर ऑटो किराया बढ़ोतरी का विरोध किया है. यूनियन से जुड़े किशन वर्मा ने बताया कि 13 अप्रैल 2018 को परिवहन विभाग के मुख्य कार्यालय में एक बैठक के दौरान उनका संगठन किराया बढ़ाने की मांग पर आपत्ति जता चुका है. किशन वर्मा ने दिल्ली सरकार पर ओला- उबर जैसी मोबाइल एप कैब सर्विसेज को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया है.

आपको बता दें फिलहाल पूरी दिल्ली में 80 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा हैं. ये खास तौर पर लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहद मददगार साबित होते हैं. दिल्ली में परिवहन साधन महंगे होने के साथ- साथ परिवहन व्यवस्था का मजबूत न होना भी एक बड़ी समस्या है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार की 'ऑटो फेयर रिवीजन कमेटी' किराया बढ़ाने पर क्या फैसला लेती है.

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