केजरीवाल के मंत्री ने पूछा- बिहार को क्यों नहीं मिल रहा आयुष्मान भारत से लाभ

बिहार में चमकी बुखार से अब तक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीच दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को मदद देने की बात कही है.

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दिल्ली की सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो) दिल्ली की सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2019,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

बिहार में चमकी बुखार से अब तक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीच दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को मदद देने की बात कही है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बिहार की सरकार को दिल्ली सरकार हर संभव मदद करने को तैयार है.

वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि बिहार में जो घटनाएं हो रही हैं, वो आयुष्मान भारत में कवर हो सकती हैं. लेकिन उनको इलाज क्यों नहीं मिल रहा है. बता दें कि आयुष्मान योजना 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी योजना है.

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चमकी बुखार के कारण गांव छोड़ने को मजबूर लोग

चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. इस जानलेवा बुखार की वजह से लोग अपने घर को छोड़़ने को मजबूर हो रहे हैं. मां-बाप के मन में खौफ है कि कहीं उनके बच्चे भी इसी बीमारी का शिकार ना हो जाएं. मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली के कई गांवों से भी लोग पलायन कर रहे हैं.

वैशाली जिले के भगवानपुर ब्लॉक के हरवंशपुर गांव में चमकी बुखार की वजह से 6 बच्चों की मौत हो गई है. लाश की उम्र जितनी कम होती है, उतना ही दर्द उसे कंधों पर उठाने में होता है. हरवंशपुर की त्रासदी ये ही है. गांव में 6 बच्चे दम तोड़ चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई अभी तक सुध लेने नहीं आया है. इसी गांव के चतुरी सहनी के दो बेटों को ये बीमारी हुई, पहले बड़ा बेटा बीमार हुआ और फिर छोटा, और दोनों ने ही दम तोड़ दिया.

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बताया जा रहा है कि वैशाली जिले में 17 बच्चों की मौत हुई है लेकिन इनमें से कई बच्चों को एईएस से मरने वाले बच्चों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. हरवंशपुर गांव के लोगों ने बताया कि इन्हें इस बीमारी की पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी. लेकिन जब ये घटनाएं होने लगीं तब आंगनबाड़ी की सेविकाएं उन्हें इस बीमारी के बचाव के बारे में बताने आई थीं.

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