दिल्ली के अलग- अलग हिस्सों में चल रहे प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई पर दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने तीन बड़े प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटे जाने की अनुमति रद्द कर फाइल एलजी ऑफिस भेज दी है.
हालांकि इससे पहले पेड़ों की कटाई की अनुमति को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता इंकार करते नजर आये थे ऐसे में सवाल उठता है कि अनुमति देने की बात नकार चुकी सरकार किन फैसलों को रद्द कर रही है?
दिल्ली में पेड़ काटे जाने के विरोध को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने पेड़ काटे जाने अनुमति रद्द करने का ऐलान किया. इमरान हुसैन ने बताया कि विधानसभा की कमेटी ने प्रोजेक्ट साइट पर जांच की जिसमें पाया गया कि पेड़ काटे जाने की अनुमति की अवहेलना हो रही है.
सरकार के मुताबिक दिल्ली विधानसभा की पब्लिक एकाउंट कमिटी (PAC) ने जांच के बाद पाया कि नये पेड़ लगाने थे वो नहीं लगाये गए. साथ ही नए पेड़ लगाने के लिए जो जमीन दी जानी थी वो संबंधित विभाग की तरफ से नहीं दी गई है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि नैरोजी नगर, किदवई नगर और नेताजी नगर से पेड़ काटने की जो अनुमति दी गई थी उसे पर्यावरण मंत्रालय ने वापस ले लिया है.
सिसोदिया ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी प्रस्तावित कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की अनुमति वापस ले ली है. दिल्ली सरकार ने नियमों के अवहेलना का हवाला देकर ये फैसला लिया है. अनुमति रद्द करने संबंधी फैसले की फाइल अब दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दी है.
परमीता शर्मा / पंकज जैन