किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंधु-टिकरी बॉर्डर बंद, पुलिस ने जारी की ट्रैफिक एडवाइजरी

गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं. सिंधु बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है, टिकरी बॉर्डर पर 1500 किसान जमे हुए हैं, जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या 1000 के करीब है.

Advertisement
किसानों का प्रदर्शन जारी (फाइल फोटो-PTI) किसानों का प्रदर्शन जारी (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST
  • किसानों के आंदोलन का आज छठवां दिन
  • आज भी सिंधु-टिकरी बॉर्डर पर लगा जाम

कृषि कानून के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली को घेरकर बैठे किसान बॉर्डर से हटने को तैयार नहीं है और अब वो दिल्ली के 5 एंट्री प्वाइंटस को सील करने की तैयारी में हैं. दिल्ली को वैसे तो पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाली कई सड़कें हैं, लेकिन ये 5 एंट्री प्वाइंट सबसे खास है. इनमें  सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद है.

Advertisement

वहीं, गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं. सिंधु बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है, टिकरी बॉर्डर पर 1500  किसान जमे हुए हैं, जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या 1000 के करीब है. रात को खुले आसमान तले किसान सोते दिखे. किसान लंबे संघर्ष के मूड में दिख रहे हैं.

किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंधु बॉर्डर आज भी बंद है. ट्रैफिक को मुकरबा चौक और जीटीके रोड की ओर डायवर्ट किया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, सिंधु बॉर्डर बंद होने के कारण अभी जाम लगा हुआ है, इसलिए लोगों से अपील की गई है कि वह सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी, जीटीके रोड, एन-44 और सिंधु बॉर्डर बॉर्डर पर जाने से बचें.

देखें: आजतक LIVE TV

वहीं, किसानों के प्रदर्शन के कारण टिकरी बॉर्डर भी बंद है. बदुसराय और झटीकरा बॉर्डर सिर्फ टू-व्हीलर ट्रैफिक के लिए खोला गया है. हरियाणा के लिए उपलब्ध खुली सीमाएं हैं - झारोदा, धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोखरी एनएच 8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेरा.

Advertisement

बिना शर्त बातचीत के लिए सरकार तैयार
प्रदर्शन के कारण किसानों से बिना शर्त बातचीत के लिए सरकार तैयार हो गई है. किसानों की घेराबंदी के बीच सरकार ने नई पहल की है. आज दोपहर 3 बजे किसान नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन में बुलाया है. इसका सरकार की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है. सरकार ने कहा है कि जो किसान संगठन पहले दौर की बातचीत में शामिल थे, वो बातचीत के लिए विज्ञान भवन आएं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement