दिल्ली में दिवाली से पहले विदेशी शराब में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. आबकारी विभाग ने रैकेट का खुलासा करते हुए बताया कि ये लोग विदेशी शराब में हरियाणा की बनी हुई शराब मिलाकर बेच रहे थे.
दिल्ली आबकारी विभाग ने शुक्रवार को बताया कि बार टेंडरों के एक समूह द्वारा विदेशी शराब में हरियाणा की व्हिस्की मिलाकर और उस बोतल पर दिल्ली का लेबल लगाकर उसकी सप्लाई की जा रही थी. विभाग ने करोल बाग, रानी बाग, सरिता विहार और छतरपुर इलाकों में इसका खुलासा किया है. इसके साथ ही बताया कि विदेशी शराब के कुछ और ब्रांड भी मिल रहे हैं जो बिना लाइसेंस के दिल्ली में अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं.
दिल्ली में आबकारी नीति पर मचा बवाल
दरअसल दिल्ली में केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति को लेकर बवाल मचा हुआ है. नए राज्यपाल वीके सक्सेना ने जैसे ही इस मामले में सीबीआई जांच की मंजूरी दी, एजेंसी ने तुरंत डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया. जांच एजेंसियों ने अबतक इनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.
मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी
इस पूरे मामले में मनीष सिसोदिया पर दो प्रमुख आरोप हैं. पहला आरोप ये है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल प्राइवेट वेंडर्स को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ. इसके अलावा सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बिना और उप-राज्यपाल के बिना फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए.
कुमार कुणाल