सुबह हाजिरी, वर्दी जरूरी... दफ्तर वाले पुलिसकर्मियों के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर का आदेश

पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को शिकायत मिली है कि दफ्तरों में तैनात कई पुलिसकर्मी न तो समय से दफ्तर आते हैं और समय से पहले ही निकल जाते हैं. ऐसे में सभी ब्रांचों के हेड से कहा गया वो वो हाज़िरी रजिस्टर मेंटेन करें.

Advertisement
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (फाइल फोटो) दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (फाइल फोटो)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:29 AM IST
  • दफ्तरों में तैनात कई पुलिसकर्मियों के बारे में शिकायत मिली थी
  • अब सभी पुलिसकर्मियों को सुबह 9:30 बजे दफ्तर आना होगा

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने नया आदेश जारी किया है. इसके मुताबिक, दिल्ली पुलिस के दफ्तरों में ड्यूटी वाले सभी पुलिसकर्मियों को रोज अटेंडेंस लगानी होगी. यह आदेश दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जारी किया है. 

दरअसल, पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को शिकायत मिली है कि दफ्तरों में तैनात कई पुलिसकर्मी न तो समय से दफ्तर आते हैं और समय से पहले ही निकल जाते हैं. ऐसे में सभी ब्रांचों के हेड से कहा गया वो वो हाजिरी रजिस्टर मेंटेन करें. 

Advertisement

इन नियमों का करना होगा पालन 
नए आदेश के मुताबिक, अब सभी पुलिसकर्मियों को सुबह 9:30 बजे दफ्तर आना होगा और शाम 6 बजे तक रहना होगा. इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों को वर्दी पहनकर आनी होगी. दफ्तर में अनुशासन और सफाई रखनी होगी. 

अगर कोई पुलिसकर्मी जल्दी जाना चाहता है तो उसे ब्रांच इंचार्ज और अपने डीसीपी से अनुमति लेनी होगी. जो लोग लागातार लेट दफ्तर आते हैं, उनकी रिपोर्ट डीसीपी को तैयार करनी होगी. डीसीपी अटेंडेंस की रिपोर्ट हर महीने अपने एडिशनल सीपी या जॉइंट सीपी को सौपेंगा. 

महिलाओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता- राकेश अस्थाना
उधर, राकेश अस्थाना ने बुधवार को महिला पत्रकारों से संवाद किया. इस दौरान राकेश अस्थाना ने कहा,  राष्ट्रीय राजधानी में प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, पुलिस का काम कानून और व्यवस्था को बनाए रखना और शांति और अपराध नियंत्रण करना है. इस संवाद में करीब 50 महिला पत्रकारों ने हिस्सा लिया. 

Advertisement

इस दौरान अस्थाना ने कहा, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध को रोकना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाते हुए 6 महिला डीसीपी, 8 महिला अतिरिक्त डीसीपी, 8 महिला एसीपी और 9 महिला एसएचओ को जिम्मेदारी दी गई. महिलाओं से संबंधित शिकायतों को निपटाने के लिए विशेष पुलिस इकाई के अलावा हर जिले में एक अलग सीएडब्ल्यू सेल है . 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement