दिल्ली की एक अदालत ने जेल में बंद पर्ल्स ग्रुप के फाउंडर निर्मल सिंह भंगू से जुड़े रिश्वत मामले में गुरुवार को एक पुलिस सब-इस्पेक्टर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने पहले एसआई को दो दिन की हिरासत में भेजा था, जो गुरुवार को खत्म हो गई थी, जिसके बाद उसे स्पेशल जज अंजू बजाज चांदना की अदालत में पेश किया गया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.
सीबीआई ने अदालत को बताया था कि बाराखंभा पुलिस स्टेशन में तैनात राजेश यादव कथित तौर पर उसी पुलिस स्टेशन में तैनात उप-निरीक्षक वरुण चीची के निर्देश पर रिश्वत ले रहे थे. एजेंसी ने अदालत को बताया कि चीची फिलहाल फरार है.
भंगू के बेटी-दामाद को फंसाने की दी थी धमकी
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई को दी शिकायत में भंगू के कर्मचारी ने आरोप लगाया कि चीची ने उसके खिलाफ मामले में जेल में बंद पर्ल्स ग्रुप के संस्थापक की बेटी और दामाद को गिरफ्तार न करने और फंसाने के लिए उससे 25 लाख रुपये की मांग की थी.
यह डिमांड करीब 10-12 दिन पहले की गई थी, जब शिकायतकर्ता जेल में भंगू से मिलने के लिए गया था. सीबीआई ने दावा किया कि वो तिहाड़ जेल से बाराखंभा पुलिस स्टेशन लाए गए भंगू को दवाएं देने गया था.
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किस्तों में रकम लेने को तैयार हुआ अधिकारी
सीबीआई ने ये भी आरोप लगाया कि वो सब इंस्पेक्टर शिकायतकर्ता से पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपये लेने को भी तैयार हो गया था. जिस दिन उसे रिश्वत दी जानी थी, उसी दिन सीबीआई ने अपना जाल फैलाकर आरोपी सब इंस्पेक्टर को पकड़ लिया. सीबीआई ने कहा कि उसने दोनों उप-निरीक्षकों के परिसरों पर भी तलाशी ली थी.
5 करोड़ निवेशकों से 45 हजार करोड़ की धोखाधड़ी
बता दें कि पर्ल्स ग्रुप के फाउंडर निर्मल सिंह भंगू और तीन अन्य लोगों को जनवरी 2016 में आकर्षक भूमि सौदों का लालच देकर 5 करोड़ से अधिक निवेशकों से 45 हजार करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
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