दिल्लीः भ्रष्ट अफसरों को जबरन रिटायर करना चाहते हैं CM केजरीवाल, LG से मिले

केजरीवाल सरकार का मानना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी दिल्ली के लोगों के लिए बनाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बर्बाद करते हैं और जनता के हक के पैसों से अपना घर भरते हैं.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

केंद्र सरकार की तर्ज पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन रिटायर करना चाहते हैं. सीएम केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ बैठक की. वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ भी शनिवार को इस मामले पर विस्तार से चर्चा की.

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सभी कैबिनेट सदस्यों को अपने-अपने विभागों में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक सूची तैयार करने का निर्देश दिए हैं, जिससे उन्हें जबरन रिटायर किया जा सके. यह सेंट्रल सिविल सर्विसेस (पेंशन) रूल्स, 1972 के फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने की केंद्र सरकार की पहल के तर्ज पर होगा.

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केजरीवाल सरकार का मानना है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी दिल्ली के लोगों के लिए बनाई जाने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को बर्बाद करते हैं और जनता के हक के पैसों से अपना घर भरते हैं. दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा है कि पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान दिल्ली सरकार के संज्ञान में ऐसे कई अधिकारी आए, जिन्होंने जनता के हित की लोक कल्याणकारी नीतियों का विरोध किया और दिल्ली के लोगों के हितों को नुकसान पहुंचाया है.

सरकार के संज्ञान में ऐसे कुछ मामले मौजूद हैं, जिसमें कुछ अधिकारियों ने बेवजह कल्याणकारी नीतियों को लागू करने से इनकार कर दिया. दिल्ली सरकार ने बयान में कहा कि उनकी सरकार के पास अब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) जैसी एजेंसियां भी नहीं हैं, इसलिए दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों को सिर्फ उपराज्यपाल के सामने रख सकती है, ऐसे मामलों में खुद कार्रवाई नहीं कर सकती.

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