कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि आदत के अनुसार पीएम मोदी ने आज फिर असत्याग्रह किया. पीएम किसानों की बात सुनें और कृषि विरोधी कानून वापस लें.
किसानों के समर्थन में बॉक्सर विजेंदर सिंह आज टिकरी बॉर्डर पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि दुख भी होता है और ग़ुस्सा भी आता है.
चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति अपना समर्थन बढ़ाते हुए कहा कि मैं अन्नदाता की मांगों का समर्थन करता हूं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है. एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए राहुल ने पूछा- और कितने अन्नदाताओं को क़ुर्बानी देनी होगी? कृषि विरोधी क़ानून कब ख़त्म किए जाएंगे?
बलबीर सिंह, किरणजीत सिख समेत कई किसान नेता आज सुप्रीम कोर्ट के वकील एचएस फूलका, प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे और कॉलिन गोन्साल्विस से मुलाकात करेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन के खिलाफ याचिका दायर की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने से पहले किसानों का पक्ष सुनने की बात कही है.
सिंघु बॉर्डर पर केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध आज अपने 23 वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के दयाल सिंह का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी को किसानों से बात करनी चाहिए और कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. हम इन कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में डीएमके और उसके सहयोगी दल आ गए हैं. आज चेन्नई में डीएमके और उसके सहयोगी दलों के नेता एक दिन की भूख हड़ताल करके किसानों का समर्थन कर रहे हैं.
किसान आंदोलन पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि यह मौका पीएम-केअर्स दिखाने का है, कानून को सस्पेंड कर दीजिए, किसानों की देखभाल कीजिए, वह भी अपने हैं.
किसानों के आंदोलन के कारण टिकरी और धनसा बॉर्डर भी बंद है. झटीकरा बॉर्डर को पैदल या फिर टू-व्हीलर गाड़ियों के लिए खोला गया है. इसके अलावा दौराला, कापसहेड़ा, बदुसराय, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और दुंदाहेड़ा बॉर्डर खुला हुआ है. वहीं, चिल्ला बॉर्डर पर नोएडा से दिल्ली जाने वाली लेन बंद है. केवल दिल्ली से नोएडा आने वाली लेन खुली है.
किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली लेन बंद है. लोगों से आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा और भोपुरा से यात्रा करने की सलाह दी गई है. ठीक इसी तरह सिंघु, औचंडी, पीयू मनियारी, साभोली और मंगेश बॉर्डर बंद है. लोगों से लामपुर, साफियाबाद, सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर की ओर से यात्रा करने की सलाह दी गई है.
किसान आंदोलन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से कोई साफ आदेश नहीं आया. गुरुवार की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन इससे किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जबतक बातचीत से कुछ तय नहीं हो जाता, क्या इस कानून को लागू होने से रोका जा सकता है? सुनवाई में बातचीत से ही मसले का हल निकालने पर जोर रहा. मामले की अगली सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ करेगी.
कल कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से अपील कर चुके हैं. तोमर ने बकायदा किसानों के नाम एक चिट्ठी जारी की, इसमें लिखा है कि किसानों के बीच नए कानून पर राजनीति के लिए झूठ फैालाया जा रहा है. चिट्ठी में वही बातें लिखी हैं जो सरकार ने अपने प्रस्ताव में आंदोलनकारी किसानों को दी थी. जैसे कि एमएसपी की लिखित गारंटी, जमीन पर कब्जे के डर पर स्पष्टीकरण, विवाद होने पर किसानों को अदालत जाने की छूट. किसान इन प्रस्तावों को पहले ही खारिज कर चुके हैं.
पिछले 23 दिन से नए कृषि कानून पर किसान और सरकार के बीच घमासान जारी है. कई बार सरकार के साथ बातचीत में कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. किसान नए कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े तो सरकार भी टस से मस नहीं हो रही. नवंबर में शुरू हुआ आंदोलन अब दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड में भी दहक रहा है. दिल्ली की सीमा पर 3 डिग्री तापमान में भी किसान डटे हैं. सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने लिखित में भी नकार दिया है. अब कृषि मंत्री ने किसानों को 8 पन्नों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें नए बिल के सभी पहलुओं को बारीकी से समझाया गया है.