Delhi Blast: 10 नवंबर की शाम दिल्ली के लाल किले के पास एक भयंकर धमाका हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया. शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक Hyundai i20 कार में ज़बरदस्त विस्फोट हुआ. धमाके की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास की इमारतें और वाहन हिल गए. कुछ ही पलों में आग फैल गई और आसपास खड़ी कई गाड़ियां जल उठीं.
इस धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए LNJP अस्पताल ले जाया गया. मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआती जांच में स्पष्ट हुआ कि कार में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया गया था. धमाके के समय कार ट्रैफिक सिग्नल के पास थी.
जैसे ही धमाका हुआ, फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियां और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए. इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच अपने हाथ में ले ली है और इसे एक आतंकी घटना घोषित किया गया है.
CCTV फुटेज की भी इस जांच में मदद ली जा रही है. इस मामले में कुछ संदिग्ध डॉक्टरों और अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन पर आतंकी नेटवर्क से जुड़ाव का शक है. अधिकारियों ने कहा है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा और संगठित है, जो देशभर में सक्रिय था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने घटना के तुरंत बाद स्थिति की समीक्षा की. प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और राहत कार्यों का जायजा लिया. अमित शाह ने कहा कि सरकार दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी.
इस धमाके के बाद दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है. खुफिया एजेंसियों को संभावित आतंकी गतिविधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिए गए हैं. एनआईए, एनएसजी और फॉरेंसिक टीमें लगातार जांच कर रही हैं ताकि इस आतंकी हमले के पीछे की पूरी साजिश का खुलासा किया जा सके.
राजधानी में हुई यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है. सरकार ने कहा है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और इस घटना की साजिश रचने वालों तक पहुंचने के लिए हर स्तर पर जांच जारी है.
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लाल किले के पास ब्लास्ट के संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव गोविंद मोहन और आईबी निदेशक तपन डेका ने भाग लिया. बैठक में दिल्ली में हुई आतंकवादी घटना और चल रही जांच पर चर्चा हुई.
दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी सुरक्षा एजेंसियों की जांच के घेरे में आ गई है. सूत्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी के सभी रिकॉर्डो का सरकार फोरेंसिक ऑडिट करेगी. साथ ही ईडी और अन्य एजेंसियों को अल फलाह यूनिवर्सिटी के पैसे के लेन-देन की भी जांच की करेंगी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने दिल्ली ब्लास्ट को लेकर चर्चा की.
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी मिली संदिग्ध ब्रेजा कार.
एनआईए ने नूंह उस संदिग्ध फर्टिलाइजर की दुकान के मालिक को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है, जहां से आतंकवादियों ने अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था. सूत्रों का कहना है कि मुजम्मिल ने कथित तौर पर 50 किलोग्राम आकार के एनपीके फर्टिलाइजर के 4-5 पैकेट खरीदे थे.
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि मासूम लोगों की हत्या का कोई धर्म समर्थन नहीं करता. CM ने स्पष्ट किया कि “हर कश्मीरी आतंकी नहीं होता,” बल्कि कुछ लोग ही शांति और भाईचारे को नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की. साथ ही उन्होंने निर्दोष लोगों को इससे दूर रखने की अपील भी की.
दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में आरोपी के रूप में सामने आईं डॉ. शाहीन सईद के प्रोफेशनल रिकॉर्ड से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, डॉ. शाहीन सईद ने 1 सितंबर 2012 से 31 दिसंबर 2013 तक कानपुर मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग की हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) के रूप में काम किया. इसी अवधि में उन्होंने कॉलेज जॉइन करते समय अपना मेडिकल फॉर्म भी जमा किया था.
2012 में जॉइनिंग के बाद डॉ. शाहीन सईद करीब एक साल तक कानपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के रूप में रहीं. इसके बाद उनका तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज कर दिया गया. जांच एजेंसियां अब यह भी पता लगा रही हैं कि इस अवधि में उनकी गतिविधियां क्या थीं और किन लोगों से उनका संपर्क था.
इनपुट: शशि भूषण कुमार
जैश-ए-मोहम्मद की इंटर-स्टेट आतंकी साजिश की जांच में बड़ा अपडेट सामने आया है. जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर में अब तक 250 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. यह पूछताछ रेड फोर्ट कार ब्लास्ट और उससे जुड़े सफेदपोश मॉड्यूल के नेटवर्क को लेकर की गई है. सूत्रों के अनुसार, 12 संदिग्धों को बढ़ी हुई हिरासत में रखा गया है. इनमें डॉक्टरों के साथ कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. जांच एजेंसियों को इन लोगों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है.
जांच एजेंसियां मॉड्यूल के पूरे नेटवर्क, फंडिंग, प्लानिंग और अलग-अलग राज्यों में फैले लिंक की गहराई से जांच कर रही हैं.
इनपुट: मीर फरीद
दिल्ली पुलिस ने हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फारूक को हिरासत में लिया है. डॉ. फारूक प्रसूति विभाग में कार्यरत थे और पिछले लगभग एक साल से कैंपस में ही रह रहे थे.
जानकारी के मुताबिक डॉ. फारूक मूल रूप से जम्मू के रहने वाले हैं. उन्होंने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई की थी.
इनपुट: समर्थ श्रीवास्तव
अहमदाबाद से पकड़े गए ISKP मॉड्यूल के तीन संदिग्धों की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक शामली के आज़ाद सुलेमान शेख ने लखीमपुर के मोहम्मद सोहेल को ISKP से जोड़ा था. दोनों के बीच अहमदाबाद जाने से पहले 176 बार फोन पर बात हुई थी. कॉल डिटेल के अनुसार, बातचीत 3 मिनट से लेकर 22 मिनट तक चली और ज़्यादातर कॉल आज़ाद सुलेमान शेख की ओर से की गई थीं. एजेंसियों को शक है कि इसी दौरान उसने सोहेल का ब्रेनवॉश किया और बाद में उसे हथियार पहुंचाने का काम सौंप दिया.
तफ्तीश में यह भी सामने आया कि दो साल पहले, आज़ाद सुलेमान शेख के संपर्क में आने के बाद ही सोहेल ने अपना साधारण मोबाइल बदलकर स्मार्टफोन लेना शुरू किया था.
यूपी ATS की टीम अहमदाबाद में लगातार सोहेल और बाकी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की कड़ियों को सामने लाया जा सके.
इनपुट: संतोष शर्मा
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अस्थायी रूप से डाउन कर दिया है. वेबसाइट फिलहाल पूरी तरह से ऑफ़लाइन है और यूज़र्स इसे एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं. वेबसाइट हटाए जाने के पीछे क्या कारण हैं, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. हालांकि, यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब विश्वविद्यालय का नाम दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में आने के बाद चर्चाओं में है.
इनपुट: श्रेया चटर्जी
आजतक को दिल्ली बम धमाके में शामिल आतंकियों के मीटिंग प्वाइंट की जानकारी मिली है. आतंकी कहां मिलते थे और प्लान बनाते थे, आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं - जहां बनी दिल्ली के साथ यूपी के कई शहरों में धमाके की प्लानिंग
दिल्ली धमाके के आरोपी आतंकी उमर का नया CCTV फुटेज सामने आया है. आप पूरे वीडियो को यहां किल्क कर देख सकते हैं - दिल्ली में एंट्री करते हुए आतंकी उमर का नया VIDEO
दिल्ली धमाके के बीच गृह मंत्री अमित शाह की आपातकालीन हाई-लेवल बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली और अब खत्म हो गई है. इस महत्वपूर्ण बैठक में आईबी प्रमुख, एनआईए डीजी, दिल्ली पुलिस आयुक्त, गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
इनपुट: जितेंद्र बहादुर सिंह
दिल्ली धमाके की जांच में एक और अहम सुराग सामने आया है. संदिग्ध ब्रेज़ा कार को ट्रेस कर लिया गया है और यह कार अल फलाह यूनिवर्सिटी के अंदर खड़ी मिली है.
इनपुट: श्रेया चटर्जी
दिल्ली ब्लास्ट मामले के बाद उत्तर प्रदेश के 18 संदिग्ध लोग सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी में हैं. जांच एजेंसियां पिछले 3–4 वर्षों में यूपी की जेलों से रिहा हुए उन सभी लोगों की गतिविधियों की जांच कर रही हैं जिनके नाम कभी आतंकी मामलों से जुड़े थे.
शाहीन का लखनऊ के खंदारी बाज़ार इलाके से संबंध सामने आने के बाद इस क्षेत्र और आसपास की कॉलोनियों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है. पुलिस और खुफिया टीमें लगातार गतिविधियों पर नजर रख रही हैं.
एजेंसियां उन 18 संदिग्ध व्यक्तियों की- कॉल डिटेल, बैंक लेनदेन, सोशल मीडिया गतिविधियां, और ट्रैवल हिस्ट्री को खंगाल रही हैं ताकि कोई संदिग्ध हरकत सामने आ सके.
इनपुट: समर्थ श्रीवास्तव
दिल्ली में हुए धमाके के को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार सुबह उच्च स्तरीय बैठक शुरू कर दी है. इस बैठक में गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी, खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अफसर और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं.
इनपुट: जितेंद्र बहादुर सिंह
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच में एक और बड़ा सुराग मिला है. संदिग्ध रेड फोर्ड इकोस्पोर्ट कार, जिसे इस केस से जोड़कर देखा जा रहा है, गुरुवार को फरीदाबाद के खंडावली गांव में ट्रेस की गई है.
एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि यह कार किसने वहां छोड़ी, इसे कब लाया गया और यह मॉड्यूल की गतिविधियों से कैसे जुड़ी है.
कार को फिलहाल सार्वजनिक पहुंच से दूर रखकर जांच टीमों ने अपने कब्जे में लिया है, और NSG तथा केंद्रीय एजेंसियों की टीमें कार की बारीकी से जांच कर रही हैं.
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में मौत का आंकड़ा अब 13 तक पहुंच गया है. गुरुवार रात 35 वर्षीय बिलाल हसन की एलएनजेपी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे.
डॉक्टरों के अनुसार, बिलाल के आंतों और फेफड़ों में कई गंभीर चोटें थीं. धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि उनके शरीर के अंदर श्रैप्नल और मेटल के टुकड़े पाए गए. उन्हें अस्पताल लाए जाने के समय ही उनकी हालत बेहद नाजुक थी.
बिलाल आईसीयू में भर्ती चार मरीजों में से एक थे. अब भी तीन अन्य मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है.
इनपुट: मिलन शर्मा
फरीदाबाद पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है, जिसने खंडवाली इलाके में संदिग्ध इको स्पोर्ट कार पार्क की थी. जांच में सामने आया है कि इस व्यक्ति का नाम फ़हीम है और वह दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉ. उमर का रिश्तेदार है.
इनपुट: ANI
दिल्ली आतंकवादी धमाके की जांच में एक और बड़ा सुराग मिला है. एक वायरल CCTV फुटेज, जिसकी दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की है, में आरोपी डॉ. उमर नबी को लाल किले के पास स्थित तुर्कमान गेट मस्जिद में प्रवेश करते हुए देखा गया.
अल्फला यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग नंबर 17, जिसे ब्वॉयज़ हॉस्टल के रूप में जाना जाता है, दिल्ली ब्लास्ट केस में एक बड़ा केंद्र बिंदु बनकर सामने आया है. जांच में पता चला है कि यह बिल्डिंग आतंकियों की मीटिंग प्वाइंट थी, जहां देशभर में धमाके करने की साजिश रची जाती थी.
सबसे बड़ा खुलासा कमरा नंबर 13 से हुआ है. यह कमरा पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल अहमद का था. यहां पर वह दूसरे संदिग्ध डॉक्टरों के साथ बैठकर दिल्ली और यूपी के कई स्थानों पर धमाके करने की योजनाएं बनाता था. जांच एजेंसियों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी की लैब से रसायन कैसे बाहर ले जाए जाएँ, कहाँ स्टोर किए जाएं और कैसे इस्तेमाल हों - यह सब इसी कमरे में तय होता था.
पुलिस ने इस कमरे को सील कर दिया है और यहां से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, पेन ड्राइव और डिजिटल सामग्री बरामद की है. फोरेंसिक टीम ने बिल्डिंग नंबर 17 के कमरे और यूनिवर्सिटी लैब से कुछ रासायनिक पदार्थ, कम मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट और ऑक्साइड भी जब्त किए हैं. शक है कि इन्हीं पदार्थों को मिलाकर विस्फोटक तैयार किए जा रहे थे.
इनपुट: सुबोध कुमार
दिल्ली में हुए हालिया कार ब्लास्ट को लेकर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर करने के आरोप में असम पुलिस ने राज्य भर से पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इसकी जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस अधिकारियों ने दी.
दिल्ली ब्लास्ट केस में अब लखनऊ का बड़ा कनेक्शन सामने आया है. जांच में पता चला है कि संदिग्ध डॉ. शाहीन सिद्दकी करीब दो महीने पहले लखनऊ आई थी और यहां कई संदिग्ध लोगों से मिली थी. इतना ही नहीं, सूत्रों का दावा है कि उसके संपर्क वाले कुछ लोग अयोध्या राम मंदिर तक भी पहुंचे थे. अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि शाहीन किससे मिली, कहां रुकी और अयोध्या कौन-कौन गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस को उसके लखनऊ आने की पूरी जानकारी भेज दी गई है. इसी बीच, शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी के पड़ोसियों से भी दोबारा पूछताछ की जा रही है, क्योंकि डॉक्टर मॉड्यूल की जांच में अब परवेज पर भी शक और गहरा हो गया है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस परवेज को फरीदाबाद ले जाकर पूछताछ कर रही है. शुरुआती जांच में कट्टरपंथी विचारधारा और टेरर लिंक के संकेत मिले हैं. परवेज के मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और हार्ड डिस्क की फॉरेंसिक जांच जारी है.
एजेंसियों को शक है कि परवेज फरीदाबाद के जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से जुड़ा हो सकता है. यह जांच तब शुरू हुई जब आदिल की शादी में धमकी भरे पोस्टर मिले थे. परवेज के घर से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भी कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है. IB और जम्मू-कश्मीर पुलिस के इनपुट पर कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
जांच का बड़ा सवाल यह भी है कि परवेज और शाहीन किन लोगों के संपर्क में थे, वह पिछले महीनों में कहां-कहां गए और परवेज ने कुछ दिन पहले यूनिवर्सिटी से अचानक इस्तीफा क्यों दिया. सूत्रों का दावा है कि परवेज को लग गया था कि एजेंसियां उसके करीब पहुंच रही हैं, इसलिए वह नेपाल या किसी और देश भागने की तैयारी कर रहा था, लेकिन उससे पहले ही एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया.
इनपुट: आशीष श्रीवास्तव
लाल किला ब्लास्ट मामले और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच अब कश्मीर तक पहुंच गई है. काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) और पुलिस की संयुक्त टीमों ने घाटी में 15 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है.
इनमें काजीगुंड में हुई एक छापेमारी के दौरान डॉ. वहीद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े संदिग्ध नेटवर्क की खोजबीन का हिस्सा है. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में लगी हैं कि डॉक्टरों और अन्य लोगों का इस मॉड्यूल से क्या संबंध था और किस तरह संपर्क में थे.
इनपुट: मीर फरीद
दिल्ली आतंकवादी धमाका मामले में जांच अब नए एंगल की ओर बढ़ गई है. एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, यह शक गहराया है कि हमलावर सिर्फ एक i20 या एकोस्पोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, बल्कि दो और पुरानी गाड़ियों को भी विस्फोटक से भरने की तैयारी चल रही थी.
जांच में पता चला है कि इन अतिरिक्त वाहनों को भी धमाकों के लिए तैयार किया जा रहा था, ताकि निशाना बड़ा किया जा सके और कई जगहों पर हमले किए जा सकें. यह जानकारी मिलने के बाद एजेंसियाँ अब यह पता लगाने में जुट गई हैं कि वे अन्य वाहन कौन-से थे, कहाँ तैयार किए जा रहे थे और किसने इन्हें जुटाया था. इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक, यह पूरी साजिश बड़े पैमाने पर की गई थी और गिरोह के नेटवर्क की गहराई से जांच जारी है.
इनपुट: ANI
सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुई कार ब्लास्ट घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि सिंगापुर इस आतंकी घटना की कड़ी आलोचना करता है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है.
दिल्ली आतंकवादी धमाके की जांच जारी है. एफएसएल की टीम और दिल्ली पुलिस को न्यू लाजपत राय मार्केट में एक शव का हिस्सा मिला है, जो ब्लास्ट साइट के पास ही है.
दिल्ली पुलिस अब भी ब्लास्ट में लापता लोगों की तलाश कर रही है. घटना के दो दिन बाद भी कई शव पूरी तरह नहीं मिले हैं. आज पुलिस को न्यू लाजपत राय मार्केट में एक हाथ मिला है, जहां घड़ियों का थोक बाजार है.
इनपुट: मिलन शर्मा
दिल्ली ब्लास्ट मामले में यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई की है. एटीएस ने जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर मोहम्मद आरिफ को कानपुर से हिरासत में लिया है. आरिफ कानपुर के कार्डियोलॉजी इंस्टिट्यूट में पढ़ाई करता है.
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. आरिफ लगातार डॉ. शाहीन के संपर्क में था. जांच के दौरान डॉ. शाहीन के फोन रिकॉर्ड में आरिफ का नाम सामने आया. वह नीट-एसएस 2024 बैच का छात्र है और कानपुर के अशोक नगर में किराए पर रहता है. एटीएस उसे उसके किराए के कमरे से पूछताछ के लिए ले गई. एटीएस का मानना है कि कानपुर में डॉ. शाहीन के नेटवर्क से जुड़े और लोग भी सामने आ सकते हैं. पूछताछ जारी है.
इनपुट: सिमर चावला
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, करीब आठ संदिग्धों ने चार जगहों पर सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाई थी. योजना के मुताबिक, आठ लोग चार-चार शहरों में जाने वाले थे. हर शहर में दो-दो लोगों की एक-एक टीम भेजी जानी थी. हर टीम के पास कई IEDs (बम) ले जाने की जिम्मेदारी थी.
सूत्रों का कहना है कि यह एक मल्टी-लोकेशन, मल्टी-टीम प्लान था, जिसे बड़ी वारदात की नीयत से तैयार किया गया था.
इनपुट: ANI
लाल किला मेट्रो स्टेशन सुरक्षा कारणों से अगले आदेश तक बंद रहेगा. बाकी सभी मेट्रो स्टेशन पहले की तरह सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं.
दिल्ली में हुए बम विस्फोट की घटना के बाद, झारखंड की राजधानी रांची में सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चाक-चौबंद कर दिया गया है. रांची के एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी के संयुक्त नेतृत्व में पूरे शहर और ग्रामीण क्षेत्र के इलाकों में 46 जगहों पर चेकिंग अभियान चलाया गया.
इनपुट: सत्यजीत कुमार
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को शक है कि उमर और उसकी टीम ने ईको स्पोर्ट कार का इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट को ले जाने और जमा करने के लिए किया था. यह काम उन्होंने कई दिनों में किया.
जांचकर्ताओं का कहना है कि उमर मॉड्यूल का सबसे ज्यादा कट्टरपंथी सदस्य था और वह टीम में शामिल सभी डॉक्टरों के बीच मुख्य कड़ी (ब्रिज) की तरह काम करता था.
सूत्रों के अनुसार, नौगाम के मौलवी और मुज़ामिल की गिरफ्तारी के बाद उमर ने अपने फोन बंद कर दिए थे और डिजिटल तरीके से सभी संपर्क तोड़ दिए थे.
जांच में यह भी सामने आया है कि इस मॉड्यूल ने कई बार रेकी (जगह की जांच) की थी.
सूत्र यह भी कहते हैं कि यह ग्रुप कई सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बना रहा था और अपने हैंडलर से अंतिम आदेश का इंतजार कर रहा था, तभी इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो गया.
इनपुट: श्रेया चटर्जी
लाल किला के बाहर धमाका करने वाले आतंकी उमर मोहम्मद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, धमाका करने से ठीक पहले उमर पुरानी दिल्ली की एक मस्जिद में गया था. उमर मोहम्मद इस मस्जिद में करीब 10 मिनट से ज़्यादा रुका, उसके बाद वह लाल किला की तरफ निकल गया.
यह मस्जिद फैज़-ए-इलाही मस्जिद है, जो रामलीला मैदान के कोने में तुर्कमान गेट के सामने स्थित है. बताया जाता है कि इस मस्जिद में तब्लीगी जमात का काम होता है, बिलकुल वैसे ही जैसे निजामुद्दीन मरकज़ में होता था.
निजामुद्दीन मरकज़ से अलग होकर बने एक गुट ने ही यहां तब्लीगी जमात की गतिविधियां शुरू की थीं. CCTV फुटेज में उमर मस्जिद के अंदर जाते और फिर बाहर आते हुए साफ दिखाई देता है.
फरीदाबाद में आतंकवादी उमर की इको स्पोर्ट्स कार बरामद की गई है. कार की तलाश का अभियान बीती रात देर से लगातार चल रहा था. NSG की टीमें मौके पर मौजूद हैं. केंद्रीय एजेंसियां भी जांच कर रही हैं. कार को अभी आम लोगों से दूर रखा गया है.
एजेंसियों को शक है कि कार में विस्फोटक हो सकता है, इसलिए सभी SOP (मानक प्रक्रियाओं) का पालन किया जा रहा है. NSG की जांच पूरी होने तक कार ना पुलिस को सौंपी जाएगी, ना किसी अन्य एजेंसी को.
इनपुट: अरविंद ओझा
लाल किले के पास हुए सोमवार के धमाके के बाद गुरुवार की सुबह इलाके में शांति है. चारों ओर सुरक्षाबल तैनात हैं. लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार को हुए धमाके के बाद गुरुवार की सुबह क्षेत्र में शांति का माहौल है. हालांकि, इलाके में अब भी सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम बनाए रखे गए हैं.
चारों ओर सुरक्षाबल तैनात हैं, और हर आने-जाने वाले व्यक्ति और वाहन की जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस, एनएसजी और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.