सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस के आदर्श नगर के एसएचओ सीपी भारद्वाज का एक वीडियो वायरल हो रहा है. ट्विटर पर RemoveSHObhardwaj ट्रेंड हो रहा है. वीडियो आजादपुर फ्लाईओवर पर बनी एक मजार का है, जिसको लेकर एसएचओ सीपी भारद्वाज और कुछ लोगों में बहस होती दिखाई दे रही है. इस मामले में आजतक ने खुद सीपी भारद्वाज से बात की. दर्श नगर के एसएचओ सीपी भारद्वाज ने बताया कि आजादपुर फ्लाईओवर पर एक मजार है, जहां कुछ दिन पहले 8 से 10 लोग आए और उसको लेकर आपत्ति जताने लगे. इसी बीच, वे लोग मजार की देखभाल करने वाले सिंकदर से बहसबाजी करने लगे और उसे हटाने की मांग करने लगे.
मजार को लेकर हो रही धार्मिक बहसबाजी की जानकारी जब एसएचओ भारद्वाज को मिली तब वह घटनास्थल पर पहुंच गए. एसएचओ भारद्वाज ने बताया, ''मैं मौके पर पहुंचा और दोनों पक्षों को समझाने लगा, क्योंकि दोनों पक्षों पर काफी गरमा-गरम बहस हो रही थी. चूंकि मेरा काम लॉ एंड ऑर्डर संभालना है, इसलिए दोनों पक्षों को समझाकर अलग किया और साथ ही समझाया कि पुलिस तय नहीं करती कि कौन सी जगह या इमारत अवैध है. यह तय करने के लिए एक अलग विभाग है.
उन्होंने आगे कहा, ''इसी दौरान एक पत्रकार भी वहां मौजूद था, जिसने मुझसे बहस की तो मैंने उसे भी समझाया कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. ऐसे मामले सड़क पर नहीं समझाए जाते. इसी वजह से मैंने थाने ले जाकर समझाया. मैं वहां अपनी डयूटी कर रहा था. आज मेरा वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें मैंने कुछ गलत भी नहीं कहा.'' सीपी भारद्वाज ने कहा कि यदि दोनों पक्षों का झगड़े का वीडियो वायरल होता तो क्या होता? तब पुलिस पर सवाल उठाया जाता कि पुलिस कहां थी? कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जाता इसलिए मैंने मौके पर पहुंचकर सबको अलग किया.
उन्होंने दावा किया कि यह मजार काफी समय पहले बनी थी. आजादपुर के आस-पास के लोग यहां शाम को आकर अगरबत्ती जलाते हैं मत्था टेकते हैं. उन्होंने कहा कि आपस की बहस से कानून व्यवस्था खराब होने का डर बना रहता है, इसलिए मैंने मौके पर जाकर दोनों पक्षों को समझाया और बाद में सब मान भी गए. इस मामले में किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया.
एसएचओ ने यह भी बताया कि अगर किसी जगह कोई मजार अवैध है तो उसे देखने का काम या एक्शन लेने का काम धार्मिक कमेटी का होता है, नाकि पुलिस का. इस बारे में पुलिस पूरे मामले की जानकारी पहले ही एसडीएम को दे चुकी है, जिसपर काम चल रहा है. भारद्वाज ने कहा, ''इस मजार को लेकर आपत्ति किसी को नहीं है. कुछ लोग बाहर से आकर इसे मुद्दा बनाते हैं. अगर कमेटी रिव्यू करके इसे हटाने का फैसला देती है तो सिविक एजेंसी आकर इसे हटा देगी. हमारा काम हथौड़ा उठाने का नहीं, बल्कि सुरक्षा देने का है.''
अरविंद ओझा