तस्करी कर दुबई ले जाई जा रहीं थी 12 नेपाली लड़कियां, DCW ने छुड़ाया

दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली की अलग-अलग जगहों से 12 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया है. बचाई गई लड़कियों को पहले छावला थाने ले जाया गया और फिर उनको शेल्टर होम भेज दिया गया. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

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DCW ने 12 नेपाली लड़कियों को बचाया DCW ने 12 नेपाली लड़कियों को बचाया

पुनीत शर्मा / राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 9:31 PM IST

दिल्ली महिला आयोग ने शनिवार की रात को दिल्ली की अलग-अलग जगहों से 12 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया है. लड़कियों ने बताया कि उदय नाम का एक एजेंट उनको दुबई और खाड़ी देशों में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लेकर आया था. आनंदी (बदला हुआ नाम) नाम की लड़की ने दिल्ली महिला आयोग की सदस्या किरण नेगी को सूचना दी कि दो जगहों पर कुछ नेपाली लड़कियों को कैद करके रखा हुआ है. उन्होंने तुरंत आयोग की दो टीमों को नजफगढ़ भेजा.

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आनंदी के साथ आयोग की टीम मौके पर पहुंची और सभी 12 लड़कियों को मुक्त कराया. उनका एजेंट उदय वहां पर नहीं मिला. हालांकि, लड़कियों ने बताया कि वह कुछ समय पहले उनके साथ था. लड़कियों ने बताया कि उनको वादा किया था कि उनको नौकरी के लिए इराक, दुबई और कुवैत भेजा जाएगा और उनको अच्छे पैसे मिलेंगे. उनमें से ज्यादातर ने एजेंट को नौकरी दिलाने के लिए 50,000 रुपये दिए थे और दो लड़कियों ने 2-2 लाख रुपये दिए थे.

लड़कियों ने बताया कि एजेंट ने उनके पासपोर्ट रख लिए और उनको कमरा छोड़ने पर गिरफ्तार होने की धमकी दी थी. उन्होंने बताया कि वो परेशान हो गई थीं, क्योंकि उनको 2 महीनों से कैदी की तरह कमरे में बंद करके रखा हुआ था और कुछ को एक महीने से रखा हुआ था. उनका एजेंट कभी-कभी शाम को उनसे शराब पीकर मिलने आता था मगर उनको बाहर भेजने के बारे में कुछ भी नहीं बताता था.

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आनंदी ने अपनी कहानी बताते हुए कहा कि वह अपनी एक बहिन के माध्यम से एजेंट के संपर्क में आई थी. उसने उसको नौकरी दिलाने को भरोसा दिया और इराक में एक आदमी को बेच दिया. इराक में उसका मालिक उसके साथ बुरा व्यवहार करता था, लम्बे समय तक यातना झेलने के बाद वह किसी तरह से वहां से भागने में सफल हुई. भारत पहुंचने पर उसने एजेंट से संपर्क किया और उसके बारे में पता लगा लिया.

जब आनंदी को पता चला कि एजेंट ने कुछ लड़कियों को नेपाल से लाकर दिल्ली में छुपा रखा है तो उसने इसकी सूचना केआई नेपाल नाम की संस्था को दी जोकि भारत-नेपाल बॉर्डर पर मानव तस्करी रोकने के लिए काम करती है. आनंदी की शिकायत पर केआई नेपाल ने लड़कियों को बचाने के लिए दिल्ली महिला आयोग से संपर्क किया. आनंदी ने यह भी बताया कि इराक जाने से पहले उसके साथ दिल्ली के पहाड़गंज में बलात्कार किया गया था. आयोग अब बलात्कार के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने में उसकी सहायता कर रहा है.

बचाई गई लड़कियों को पहले छावला थाने ले जाया गया और फिर उनको शेल्टर होम भेज दिया गया. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आयोग ने पिछले कुछ सालों में ऐसी सैकड़ों नेपाली महिलाओं को बचाया है, जिनको इस तरह से तस्करी कर के लाया गया था.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा, ‘बड़े स्तर पर मानव तस्करी का धंधा लगातार चल रहा है और सैकड़ों नेपाली महिलाओं और लड़कियों को दिल्ली होकर खाड़ी देश भेजा जा रहा है. दिल्ली महिला आयोग रेस्क्यू ऑपरेशन करने में पूरी तरह से तत्पर है, मगर यह जरूरी है कि दिल्ली और नेपाल की पुलिस नेपाल और भारत में काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के इन गिरोहों को पकड़ने के लिए कदम उठाए.

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