दिल्ली महिला आयोग प्रमुख ने स्पा में सेक्स रैकेट बंद करने के लिए तीनों नगर निगम के आयुक्तों को समन किया है. दिल्ली महिला आयोग ने 9 सितंबर को एक मामले में एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को तलब किया था और उन्हें निर्देश दिया था कि स्पा में सेक्स रैकेट को तुरंत बंद किया जाए.
दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक अगर अधिकारी किसी स्पा के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, तो स्पा का मालिक उसी परिसर में दूसरे नाम से एक और लाइसेंस प्राप्त कर लेता है. स्पा सेंटर के कर्मचारी और प्रबंधक भी वहीं रहते हैं. वहां पर वेश्यावृत्ति और अन्य अवैध गतिविधियां बेरोकटोक जारी रहती हैं. इसलिए नगर निगमों द्वारा की गई कार्रवाई अब परिसर के पते पर आधारित होनी चाहिए.
स्पा के मालिकों के आधार नंबर और पैन नंबर की जानकारी दर्ज करनी चाहिए ताकि एक ही व्यक्ति जिस पर एक बार गलत काम करने के लिए कार्रवाई की गई हो, उसको अन्य नाम या अन्य पते पर फिर से स्पा खोलने की अनुमति न मिले.
दिल्ली महिला आयोग कि अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, 'हमें एमसीडी और पुलिस का काम करना पड़ रहा है. इन स्पा सेंटरों को मशरूम की तरह बढ़ने ही क्यों दिया गया? एमसीडी इतने सालों से क्यों सो रही थी? बंद दरवाजों के पीछे क्रॉस सेक्स मालिश की अनुमति क्यों मिली? इन स्पा को चलाने से पहले पुलिस से कोई एनओसी क्यों नहीं ली गई? इन गैरकानूनी गतिविधियों पर आंख मूंदकर एमसीडी और पुलिस ने कितनी कमाई की है?
स्वाती मालीवाल ने कहा कि उनके पास जवाब देने के लिए बहुत कुछ है. हालांकि साउथ एमसीडी ने मामले में एक एडवाइजरी जारी करने का दावा किया है, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली महिला आयोग की ओर से सूचीबद्ध सभी बिंदुओं को इसमें शामिल किया जाए.
स्वाती मालीवाल ने कहा कि एमसीडी के अधिकारी अभी भी सो रहे हैं और उन्हें भी कार्रवाई करनी होगी. इसके अलावा हर स्पा में नगर निगम क्यों नहीं जा सकता है, वह आयोग को आश्वस्त करे कि अब कोई सेक्स रैकेट नहीं चल रहा है?
दिल्ली महिला आयोग का कहना है कि आयोग द्वारा कार्रवाई के बाद, साउथ एमसीडी ने स्पा सेंटर पर एक एडवाइजरी जारी की है, हम इसका स्वागत करते हैं. मगर बाकी एमसीडी ने अभी कोई कार्रवाई नहीं की है.
इसके अलावा स्पा सेंटर में गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए केवल एडवाइजरी ही नहीं बल्कि उनकी लाइसेंसिंग प्रक्रिया में उचित बदलाव और साथ ही कानून को ठीक से लागू करने की आवश्यकता है.
इसलिए, नगर निगम द्वारा कि गयी कार्रवाई बारे में जानकारी मांगने के लिए तीनों नगर निगम के आयुक्तों को बुलाया गया है. साथ ही, उनसे पिछले 4 वर्षों में नगर निगम द्वारा किए गए निरीक्षणों की जानकारी भी मांगी गई है.
दिल्ली महिला आयोग ने मांग उठाई है कि मसाज पार्लर में नौकरी पाने से पहले कर्मचारियों का उचित पुलिस सत्यापन और अनिवार्य योग्यताएं भी होनी चाहिए.
महिला आयोग की मांग है कि रिकॉर्डिंग की सुविधा वाला सीसीटीवी कैमरा भी स्पा में लगाया जाए और नगर निगम और पुलिस द्वारा स्पा सेन्टरों का साप्ताहिक निरीक्षण किया जाए. इसके अलावा एमसीडी को एक विशेष क्षेत्र में स्पा सेंटरों कि संख्या सीमित करने के लिए तरीकों को ढूंढना चाहिए.
पंकज जैन