स्वाति मालीवाल के अनशन के बाद अब गृह मंत्रालय कर सकती है दिल्ली पुलिस में अतिरिक्त भर्ती

मीटिंग के दौरान दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दिल्ली पुलिस में पुलिसकर्मियों की कमी पर चिंता व्यक्त की. गृह सचिव ने कहा कि गैर मूल सेवाओं में पुलिसकर्मियों की संख्या समयबद्द तरीके से कम की जा सकती है और गैर मूल सेवाओं को करने के लिए कुछ प्राइवेट कंपनियों की मदद ली जा सकती है.

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अनशन के दौरान स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो) अनशन के दौरान स्वाति मालीवाल (फाइल फोटो)

राम किंकर सिंह / अजीत तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अप्रैल 2018 में 10 दिन का अनशन किया था, जिसके बाद केंद्र ने बच्चों के बलात्कारियों को फांसी देने के लिए अध्यादेश पारित किया. अनशन के दौरान स्वाति ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर पूछा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस की 66,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की भर्ती की मांग पर क्या कदम उठाया है.

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इसके परिणाम स्वरूप गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय मीटिंग बुलाई गयी. इसमें गृह सचिव राजीव गौबा, व्यय सचिव अजय नारायण झा और दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक सहित कई वरिष्ठ नौकरशाह शामिल हुए. मीटिंग के दौरान दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दिल्ली पुलिस में पुलिसकर्मियों की कमी पर चिंता व्यक्त की. गृह सचिव ने कहा कि गैर मूल सेवाओं में पुलिसकर्मियों की संख्या समयबद्ध तरीके से कम की जा सकती है और गैर मूल सेवाओं को करने के लिए कुछ प्राइवेट कंपनियों की मदद ली जा सकती है.

स्वाति मालीवाल लगातार केंद्र से राजधानी में बढ़ते महिला अपराधों को कम करने के लिए दिल्ली पुलिस की 66,000 पुलिसकर्मियों को भर्ती करने की मांग को पूरा करने के लिए कह रही हैं. स्वाति मालीवाल जयहिंद ने कहा, 'मैं बहुत ही निराश हूं, क्योंकि दिल्ली पुलिस द्वारा 66,000 पुलिसकर्मियों की बार-बार मांग करने के बावजूद उनको अतिरिक्त पुलिसकर्मी नहीं दिए गए. यहां तक कि इस उच्च स्तरीय मीटिंग में भी दिल्ली पुलिस को 66,000 पुलिसकर्मी प्रदान नहीं किये गए.

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उन्होंने कहा, 'तकनीकि रूप से ये लोग केवल इस साल के लिए 3000 अतिरिक्त पुलिसकर्मी भर्ती करने के लिए तैयार हुए हैं. 66,000 पुलिसकर्मियों की मांग के सापेक्ष में इतनी कम भर्ती बिलकुल ही अस्वीकार्य है. अभी हर पुलिस स्टेशन में स्वीकृत संख्या से आधी संख्या में पुलिसकर्मी हैं. मैं गृह सचिव की सराहना करती हूं कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को ज्यादा कारगर तरीके से तैनात करने की सलाह दी है, मगर मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि पुलिसकर्मियों को वीआईपी सुरक्षा से हटाकर उनको आम लोगों की सुरक्षा में लगाया जाना चाहिए. या तो गृह मंत्रालय को दिल्ली पुलिस को 66,000 पुलिसकर्मी देने चाहिए या फिर सभी वीआईपी की सुरक्षा वापस ले लेनी चाहिए.'

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