मुख्य सचिव थप्पड़ विवाद: AAP ने IAS अधिकारियों से पूछे 6 सवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा दिल्ली के अंदर जो माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, उसकी आम आदमी पार्टी ना केवल निंदा करती है बल्कि ये भी कहती है कि ये सब बड़ी साजिश के तहत किया जा रहा है.

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आप नेता आशुतोष आप नेता आशुतोष

अंकुर कुमार / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:08 PM IST

आम आदमी पार्टी ने आईएएस अधिकारियों पर राजनीतिक बयान देने का आरोप लगाया है. 'आप' नेताओं ने सर्विस रूल का हवाला देते हुए आईएएस एसोसिएशन से 6 सवाल भी पूछे हैं. प्रवक्ता आशुतोष ने सर्विस कंडक्ट रूल के उल्लंघन के चलते IAS अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा दिल्ली के अंदर जो माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, उसकी आम आदमी पार्टी ना केवल निंदा करती है बल्कि ये भी कहती है कि ये सब बड़ी साजिश के तहत किया जा रहा है. मुख्य सचिव के एक बयान के आधार पर आम आदमी पार्टी के विधायकों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन वहीं सचिवालय में आम आदमी पार्टी की सरकार के मंत्री और दूसरे लोगों पर हुए हमले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

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पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि सर्विस कंडक्ट रूल के तहत यह साफ़ है कि सरकारी अफ़सर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं कर सकते और ना ही वो हड़ताल या प्रोटेस्ट जैसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं. वरिष्ठ अधिकारी किसी भी तरह का राजनीतिक बयान नहीं दे सकते, लेकिन बावजूद इसके फिर भी ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अधिकारी आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ राजनीतिक बयानबाज़ी कर रहे हैं और सरकारी ऑफ़िस का इस्तेमाल करते हुए राजनीतिक हमलेबाज़ी की जा रही है. अधिकारियों से जुड़े कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स से साफ़ हो जाता है कि आईएएस अफ़सर प्रोटेस्ट भी कर रहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि किसी भी तरह की सरकारी मीटिंग में नहीं जा रहे हैं.

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आईएएस अधिकारियों से AAP के 6 सवाल:

1. मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट का मामला अदालत के संज्ञान में है, जांच और सुनवाई चल रही है, बावजूद इसके अधिकारी मुख्यमंत्री से माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं जो अनुचित है. अधिकारी ऐसा किसके इशारे पर कर रहे हैं? क्या अधिकारियों को कानून और न्यायालय पर भरोसा नहीं है?

2. सचिवालय में मंत्री के साथ हुई मारपीट को लेकर किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने एक शब्द भी बोला है? ऐसा क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं कि अधिकारी भी इस षडयंत्र में शामिल हैं?

3. सर्विस रूल के मुताबिक सरकारी अफ़सर किसी भी तरह की राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं सकते, लेकिन वो ऐसा क्यों कर रहे हैं और किसकी शह पर कर रहे हैं?

4. ऐसे अफ़सरों के ख़िलाफ़ क्यों ना विभागीय कार्रवाई हो?  

5. सरकारी परिसर और सरकारी कार्यालय का इस्तेमाल राजनीतिक बयानबाज़ी के लिए क्यों हो रहा है?

6. क्यों नहीं इन तमाम अधिकारियों की कॉल डिटेल्स की पड़ताल होनी चाहिए, आखिर पता तो चले कि इन अधिकारियों ने किस-किससे बात की है, इनके तार किन-किन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जुड़े हैं?

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