दिल्लीः चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण से कारोबार हुआ ठप, कोर्ट जाने की तैयारी में व्यापारी

चांदनी चौक बाजार में हर रोज तकरीबन 300 से ज्यादा कमर्शियल वाहन आते हैं और 600 से ज्यादा वाहन देश के अलग-अलग हिस्सों में हर रोज जाते हैं. लेकिन अब इन वाहनों पर रोक लगने से यहां दशकों से कारोबार कर रहे कपड़ा कारोबारियों के व्यापार पर खतरा मंडरा रहा है.

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फाइल फोटो (पीटीआई) फाइल फोटो (पीटीआई)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST
  • सुंदरीकरण के चलते लोगों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो रहा
  • कमर्शियल व्हीकल बंद होने से कारोबार पर पड़ रहा बुरा असर
  • व्यापारियों से समस्या पर बातचीत करेंगे, हल निकालेंगेः विधायक

पुरानी दिल्ली का चांदनी चौक बाजार कारोबार संकट से जूझ रहा है. एशिया का सबसे बड़ा यह बाजार अपने थोक और रिटेल के लिए जाना जाता है. साथ ही इसकी एक पहचान कारोबारी हब के रूप में भी जानी जाती है जहां लोग अपने उत्पाद लेकर आते हैं.

मशहूर चांदनी चौक बाजार में हर रोज तकरीबन 300 से ज्यादा कमर्शियल वाहन आते हैं और 600 से ज्यादा वाहन देश के अलग-अलग हिस्सों में हर रोज जाते हैं. लेकिन अब इन वाहनों पर रोक लगने से यहां दशकों से कारोबार कर रहे कपड़ा कारोबारियों के व्यापार पर खतरा मंडरा रहा है. केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिए जाने से आहत व्यापारी वर्ग अब कोर्ट में जाने की योजना बना रहे हैं.

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दरीबाकलां के कारोबारी पवन राज खन्ना की मानें तो उनका कहना है कि सौंदर्यीकरण होना बहुत जरूरी है, लेकिन इस सुंदरीकरण के चलते लोगों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. लोग बेरोजगार होने लगे. दुकानें बंद होने लगे तो यह सही नहीं है. सरकार को व्यापारियों के साथ मिलकर के इसका हल निकालना चाहिए.

27 हजार कपड़ा व्यापारी पर असर

दिल्ली हिंदुस्तान मर्केंटाइल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट भगवान बंसल का कहना है कि  लाल किले से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक 1300 मीटर का यह पूरा पैच है जिसमें तकरीबन एक लाख व्यापारी काम करते हैं, जिनमें से 27,000 केवल कपड़े के कारोबार से जुड़े हैं.

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इन कारोबारियों का हर रोज नियम से कपड़े का बंडल आता है. उस बंडल का वजन 25 से 30 किलो होता है. ऐसे में इस बंडल को उठाकर के कली और कठोर तक ले जाना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है. सरकार ने पूरी तरह से ठेले और माल ढुलाई करने वाले तमाम कमर्शियल व्हीकल को बंद कर दिया है जिसके कारण कारोबार लगातार खराब हो रहा है.

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दिसंबर 2018 में चांदनी चौक के सुंदरीकरण का काम शुरू हुआ था और लगभग 2 साल 9 महीने हो गए, लेकिन व्यापारियों के बारे में सोचा तक नहीं गया. भगवान बंसल बताते हैं कि ना तो दिल्ली सरकार और ना ही केंद्र सरकार इन व्यापारियों के व्यापार के बारे में सोच रही है. अब व्यापारी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना रहे हैं.

सौंदर्यीकरण के साइड इफेक्ट अब सामने आ रहे

कारोबारियों की मानें तो चांदनी चौक के इस बाजार में गोटा-जरी, किराना के साथ-साथ सर्राफा बाजार का कारोबार भी जुड़ा है और ऐसे में हर रोज लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन होता है. ऐसे में किसी भी दिन अगर कोई बड़ा हादसा किसी व्यापारी के साथ होगा तो क्या उसकी भरपाई सरकार या प्रशासन करेगा.

चांदनी चौक इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के प्रेसिडेंट भारत आहूजा कहते हैं कि सौंदर्यीकरण बहुत अच्छा हुआ है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट अब सामने आ रहे हैं. सरकार की तरफ से व्यापारियों से यह वादा किया गया था कि उनके लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा लोडिंग-अनलोडिंग के लिए एक बड़ा स्पेस उन व्यापारियों को दिया जाएगा. अभी तक लोडिंग-अनलोडिंग के लिए किसी प्रकार का कोई स्पेस व्यापारियों को नहीं दिया गया है जिससे उनके व्यापार पर खासा असर पड़ रहा है.

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चांदनी चौक के व्यापारियों की परेशानी को लेकर के चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रह्लाद सिंह साहनी से जब हमने बात कि तो उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का 12 तारीख को इनॉग्रेशन होना है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका उद्घाटन करेंगे. साथ ही व्यापारियों के साथ बातचीत भी की जाएगी और उनकी परेशानियों का हल भी जो हो वह निकाला जाएगा. हम नहीं चाहते कि किसी प्रकार से किसी व्यापारी को परेशानी हो.

दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर जयप्रकाश जेपी ने कहा कि दिल्ली सरकार को दिल्ली नगर निगम की तरफ से चांदनी चौक के व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए सात प्वाइंटस दिए गए थे जहां माल की ढुलाई हो सके और उन तक माल पहुंच सके. इस पर सरकार को सोचना चाहिए नहीं तो चांदनी चौक के व्यापारियों का कारोबार पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा.


 

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