मानसिक रूप से कमज़ोर बच्चों के शेल्टर होम 'आशा किरण' में बच्चों की मौत के मामले को लेकर दिल्ली बीजेपी ने आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी की अगुआई में इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार के खिलाफ पार्टी ने राजपथ पर एक मौन जुलूस निकाला और इन मौतों के लिए बीजेपी ने केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया.
पिछले महीने आशा किरण होम में 11 बच्चों की मौत के मामले में तूल पकड़ा था. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार केजरीवाल सरकार पर निशाना साधती रही है. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही की वजह से आशा किरण होम में बच्चों की मौत हुई है. इस शेल्टर होम में बच्चों का खयाल रखने की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार की है, लेकिन यहां मानसिक रूप से कमज़ोर बच्चों को सुविधाएं तो छोड़िए, उनकी ठीक से देखभाल तक नहीं हो पाई. नतीजा ये रहा कि एक के बाद एक 11 बच्चों की मौत हो गई और बाकी बच्चे भी नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं.
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया, 'सरकार की बेशर्मी है कि बच्चों की मौत होने के बाद भी इस पर पर्दा डालने की कोशिश की गई, ताकि सरकार की लापरवाही उजागर न हो पाए.' तिवारी के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तो और भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि बच्चों की मौत भूख की वजह से हुई है. मतलब बच्चों को खाना तक नहीं दिया गया.'
इस मार्च में बीजेपी महिला मोर्चा की महिलाएं भी शामिल हुईं और केजरीवाल सरकार से इस पूरे मामले पर जवाब मांगा. रेलभवन से शुरू हुआ मार्च राजपथ होता हुआ इंडिया गेट पर खत्म हुआ, जहां बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने शेल्टर होम में मौत के शिकार हुए बच्चों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
दरअसल बीजेपी की कोशिश इस घटना के ज़रिये केजरीवाल सरकार को घेरने की भी है, क्योंकि आशा किरण मामले में सरकार बैकफुट पर नज़र आ रही है. सरकार को आशा किरण होम में गड़बड़ियों और बच्चों की दुर्दशा की शिकायतें की गईं थी, लेकिन आरोप है कि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसीलिए बीजेपी इस घटना के ज़रिये केजरीवाल सरकार को घेरने में कोई कसर बाकि नहीं रखना चाहती.
कपिल शर्मा