दो-तीन दिन में एकनाथ खडसे पर गिर सकती है गाज, अमित शाह को रिपोर्ट सौंप PM से मिले फड़नवीस

सूत्रों के हवाले से खबर है‍ कि प्रधानमंत्री के साथ करीब 35 मिनट की बैठक में फड़नवीस ने साफ शब्दों में कहा कि खडसे के खि‍लाफ गंभीर आरोप हैं. सीएम ने पीएम से कहा कि मंत्री के खि‍लाफ पुख्ता सबूत भी पेश किए जा रहे हैं, वहीं लैंड डील का मामला कंफ्लि‍क्ट ऑफ इंटरेस्ट का है.

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महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे और सीएम देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे और सीएम देवेंद्र फड़नवीस

स्‍वपनल सोनल / हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2016,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के फोन कॉल और कथि‍त जमीन घोटाला मामले में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे पर दो से तीन दिनों में कड़ी कार्रवाई हो सकती है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार शाम मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है.

सूत्रों के हवाले से खबर है‍ कि प्रधानमंत्री के साथ करीब 35 मिनट की बैठक में फड़नवीस ने साफ शब्दों में कहा कि खडसे के खि‍लाफ गंभीर आरोप हैं. यही नहीं, बताया जाता है कि सीएम ने पीएम से कहा कि मंत्री के खि‍लाफ पुख्ता सबूत भी पेश किए जा रहे हैं, वहीं लैंड डील का मामला कंफ्लि‍क्ट ऑफ इंटरेस्ट का है.

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भ्रष्टाचार से जुड़ा है मुद्दा, इसलिए भी गंभीर है नेतृत्व
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक के बाद यह लगभग तय हो गया है कि एकनाथ खडसे के खि‍लाफ पार्टी दो-तीन दिनों के भीतर कार्रवाई करने वाली है. भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला होने के कारण केंद्रीय नेतृत्व भी इसे गंभीरता से ले रहा है.

'जैसा निर्देश आएगा, हम अमल करेंगे'
अमित शाह के साथ बैठक के बाद फड़नवीस ने कहा कि उन्होंने सारे मामले पर सभी तथ्यों से पार्टी अध्यक्ष को अवगत करा दिया है. आगे का फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा. उन्होंने कहा, 'जैसा निर्देश दिया जाएगा हम उस पर अमल करेंगे.' संकेत हैं कि खडसे को राजस्व मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है. हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व इस मामले में कोई जल्दबाजी भी नहीं दिखाना चाहता है.

हर स्थि‍ति को समझने के बाद फैसला
गौरतलब है‍ कि राज्य में गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद खडसे मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन नेतृत्व ने फड़नवीस के नाम पर मुहर लगाई. इसके बाद से ही दोनों नेताओं में मतभेद रहे हैं. दूसरी ओर, खडसे पिछड़ा वर्ग से आते हैं, इसलिए पार्टी सारी स्थिति समझने के बाद ही कोई फैसला लेगी.

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