दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को भारतीय जनता पार्टी के नेता हरीश खुराना ने शिक्षा मॉडल पर बहस की चुनौती दी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बीते दिनों यूपी और उत्तराखंड की सरकार को इस विषय पर घेर रहे थे, अब बीजेपी ने दिल्ली में ही पलटवार कर दिया है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर हमला बोला.
खुराना ने कहा कि मनीष सिसोदिया सिर्फ पॉलिटिकल टूरिज्म करने में लगे हैं. पिछले कुछ दिनों में सिसोदिया ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के स्कूलों की हालत को लेकर वहां के मुख्यमंत्रियों पर शिक्षा नीति को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में सिर्फ पांच स्कूल ही ऐसे हैं जिनको स्कूल आफ एक्सीलेंस बनाया गया है. 1000 से ऊपर स्कूलों में से सिर्फ पांच स्कूलों को ही क्यों स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने में दिल्ली सरकार कामयाब हो पाई? खुराना ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह दिल्ली सरकार के खुद के शिक्षा मॉडल पर सवाल नहीं है?
बीजेपी प्रवक्ता ने 10वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर भी मनीष सिसोदिया को घेरा. उन्होंने कहा कि 10वीं की परीक्षा के रिजल्ट में दिल्ली की क्या स्थिति है, मनीष सिसोदिया को यह भी जनता को बताना चाहिए. 10वीं के परिणाम में सबसे खराब प्रदर्शन के लिहाज से दिल्ली दूसरे स्थान पर रही है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वे दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को खुली चुनौती दे रहे हैं कि वह बहस के लिए कोई भी मंच और समय तय करें. दिल्ली की शिक्षा नीति को लेकर बहस करने को तैयार हूं. मनीष सिसोदिया उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के स्कूलों को छोड़ें, पहले दिल्ली में हमसे बात करें कि दिल्ली के स्कूलों की बदतर हालत वे अब तक क्यों नहीं सुधार पाए हैं.
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दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि पिछले छह साल में दिल्ली सरकार ने एक भी नया स्कूल नहीं बनवाया है. दिल्ली में पहले भी 1030 स्कूल थे और आज भी उतने ही सरकारी स्कूल हैं. दिल्ली के स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि अभी भी वहां 9000 से अधिक पद खाली हैं. 19000 गेस्ट टीचर्स को पिछले तीन चार महीने से वेतन नहीं मिला है. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम कई मौकों पर कह चुके हैं कि वे दिल्ली के बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाना चाहते हैं. यदि ऐसा है तो दिल्ली के 1030 स्कूलों में से सिर्फ 331 स्कूलों में ही साइंस क्यों पढ़ाई जाती है. 11वीं और 12वीं में 30% स्कूलों में ही बच्चे साइंस पढ़ते हैं जबकि डॉक्टर या इंजीनियर बनने के लिए सभी स्कूलों में साइंस की पढ़ाई जरूरी है.
हरीश खुराना ने आरोप लगाया कि पिछले 5 साल में एक लाख से अधिक छात्रों ने दिल्ली के उच्च शिक्षण संस्थान छोड़ दिए हैं. साल 2015-16 में करीब 16 लाख छात्र उच्च शिक्षा ले रहे थे. यह तादाद घटकर अब 15 लाख रह गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कह रही है कि कोरोना वायरस के कारण हम ऑनलाइन क्लास की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता ने दावा किया कि 30 से 40 फीसदी बच्चे ही ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. सरकारी स्कूलों में इस साल किताबें ही नहीं बटी हैं. ऐसे में रिजल्ट कैसे आएगा. इसका जवाब दिल्ली के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों को देना चाहिए.
ट्वीट कर बोला था हमला
बीजेपी नेता हरीश खुराना ने ट्वीट कर भी मनीष सिसोदिया पर हमला बोला था. खुराना ने कहा था कि मनीष सिसोदिया यूपी और उत्तराखंड में जाकर अपने शिक्षा मॉडल की झूठी तारीफ करते हैं. वो वहां के शिक्षा मंत्रियों को चुनौती दे रही हैं, लेकिन अपने ही राज्य में किसी विपक्षी नेता को चुनौती देने की हिम्मत नहीं है.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया था कि सच्चाई यह है कि शिक्षा मॉडल सिर्फ विज्ञापन तक ही सीमित रह गया, धरातल पर सच्चाई कुछ अलग ही है. आज दिल्ली का बच्चा सरकारी स्कूल की बजाय प्राइवट स्कूल में पढ़ना पसंद करता है, प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या इन सालों में बढ़ी है.
बीजेपी नेता की ओर से कहा गया था कि दिल्ली में सरकार से बजट खर्च नहीं हो पा रहा, नया स्कूल बना नहीं, नया कॉलेज बना नहीं और साथ ही 10वीं का रिजल्ट गिर रहा है. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ऐसे में मनीष सिसोदिया लगातार इन क्षेत्रों का दौरा कर वहां की राज्य सरकारों से दिल्ली मॉडल पर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं.
पूनम शर्मा