सोमवार को नहीं खुले बैंक और डाकघर, ATM ही बने सहारा

हालांकि, एटीएम ने भी लोगों की परेशानी कम नहीं की. अभी तक एटीएम से सिर्फ 100 के नोट ही निकाले जा सकते हैं, क्योंकि ज्यादातर एटीएम मशीनों में 500 और 2000 के नए नोट नहीं निकल रहे हैं. सरकार ने दावा जरूर किया है कि मंगलवार से एटीएम सभी तरह के नोट निकालने लगेगी, लेकिन लंबी लाइनों से कब छुटकारा मिलेगा किसी को पता नहीं

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सरकार ने बंद कर दिए हैं बड़े नोट सरकार ने बंद कर दिए हैं बड़े नोट

अंजलि कर्मकार / कपिल शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:50 AM IST

सोमवार को गुरुनानक जयंती के मौके पर बैंकों में छुट्टी रही. ऐसे में बाकी दिनों की तुलना में एटीएम में कैश के लिए लोगों की और लंबी लाइनें लगी. शनिवार और रविवार को तो छुट्टी के बावजूद बैंक और पोस्ट ऑफिस खोलने का ऐलान हुआ था, लेकिन सोमवार को बैंक कर्मचारियों को ब्रेक मिला. इस वजह से सोमवार को एक्सजेंज और बैकों में लेनदेन का कोई काम नहीं हुआ. लिहाजा लोग परेशान हुए.

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हालांकि, एटीएम ने भी लोगों की परेशानी कम नहीं की. अभी तक एटीएम से सिर्फ 100 के नोट ही निकाले जा सकते हैं, क्योंकि ज्यादातर एटीएम मशीनों में 500 और 2000 के नए नोट नहीं निकल रहे हैं. सरकार ने दावा जरूर किया है कि मंगलवार से एटीएम सभी तरह के नोट निकालने लगेगी, लेकिन लंबी लाइनों से कब छुटकारा मिलेगा किसी को पता नहीं.

सोमवार को तो लोगों के पास एटीएम ही एकमात्र सहारा थे, क्योंकि न तो बैंक ही खुले थे और न ही डाकघर, जो पिछले पांच दिनों से नोट बदलने के काम में जुटे हुए थे. एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि लंबी और बड़ी लाइनें नोट बदलवाने की है, बजाए कि अपने खातों में पैसा जमा कराने वालों या खाते से पैसा निकालने वालों की. ऐसा होने की वजह भी है, क्योंकि पुराने नोट बदलने का कोई रिकॉर्ड उनके खाते में दर्ज नहीं हो रहा है. आईडी जरूर ली जा रही है, लेकिन उसमें बैक की डिटेल हो, ये जरूरी नहीं है.

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एटीएम की लाइन में लगे पंकज कुमार को तीन बार में पहली सफलता मिली. दो बार पहले घंटों लाइन में जरूर लगे थे, लेकिन जब तक उनकी बारी आती नोट खत्म हो गए थे. यही हाल प्रिया का था, उनके पास 500 और 1000 के पुराने नोट तो पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन ऐसे नोट नहीं है, जो बाज़ार में खर्च किए जा सके. अब मुश्किल ये है कि एक मात्र विकल्प एटीएम ही है, जिसमें उनको पता नहीं कितनी देर लाइन में लगना पड़े.

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