दिल्ली के बाजारों में भी पड़ रहा में बांग्लादेश के सियासी संकट का असर, जानें क्या बोले व्यापारी

बांग्लादेश से भारत का कपड़े का कारोबार हर साल कई लाख करोड़ का है. देश के अलग-अलग राज्यों में बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट्स की सप्लाई होती है. बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, उसका असर अब देश के अलग-अलग गारमेंट मार्केट पर भी गहराता जा रहा है.

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बांग्लादेश में सियासी संकट गहराया हुआ है (फाइल फोटो) बांग्लादेश में सियासी संकट गहराया हुआ है (फाइल फोटो)

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

बांग्लादेश में सियासी संकट लगातार गहराता जा रहा है. इस सियासी संकट के बीच बांग्लादेश के कारोबार पर भी बड़ा असर देखने को मिल रहा है. बांग्लादेश की इकोनॉमी कपड़ा कारोबार पर निर्भर करती है. बांग्लादेश कई बड़े देशों को कपड़े का निर्यात करता है और यह निर्यात लाखों करोड़ों रुपए का है. इनमें भारत भी शामिल है.

इस क्रम में बांग्लादेश से भारत का कपड़े का कारोबार हर साल कई लाख करोड़ का है. देश के अलग-अलग राज्यों में बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट्स की सप्लाई होती है. बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, उसका असर अब देश के अलग-अलग गारमेंट मार्केट पर भी गहराता जा रहा है.

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दिल्ली के कई बाजार है बांग्लादेश पर निर्भर

बात करें राजधानी दिल्ली की तो दिल्ली की अलग-अलग मार्केट जो कि एशिया की सबसे बड़ी रेडीमेड गारमेंट्स की मार्केट में शुमार हैं, उनमें गांधीनगर, रमेश पार्क मार्किट, करोल बाग का टैंक रोड, लाजपत नगर सरोजिनी नगर आदि में बांग्लादेश के रेडीमेड गारमेंट्स का रोजाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है.

करोल बाग के टैंक रोड पर रेडीमेड गारमेंट्स का कारोबार करने वाले कारोबारी रमेश आहूजा के मताबिक उनका काफी माल बांग्लादेश से आता है. यहां तक कि मार्केट में हजारों दुकानें हैं और ज्यादातर दुकानदार बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स जैसे शर्ट, जींस, टी-शर्ट का निर्यात करते हैं. फेस्टिवल सीजन चल रहा है और अगले कुछ दिनों बाद और बड़े फेस्टिवल सीजन और शादियों का सीजन भी आएगा लेकिन बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, उससे आने वाले दिनों में उनके कारोबार पर भी अच्छा खासा असर पड़ सकता है. 

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फेस्टिवल सीजन बर्बाद होने का डर

वहीं रमेश पार्क मार्केट में रेडीमेड गारमेंट्स का कारोबार करने वाले हरिजन के मुताबिक वह हर 2 महीने में एक बार बांग्लादेश जरूर जाते हैं क्योंकि उनका काफी माल बांग्लादेश से आता है. वह बांग्लादेश से अपना माल मैन्युफैक्चर भी करवाते हैं लेकिन जिस तरह के हालात वहां बने हुए हैं, उनको डर सता रहा है कि वह इन हालातों में कैसे वहां से माल लेकर के आएंगे. इसके चलते आने वाला फेस्टिवल सीजन कई बर्बाद ना हो जाए.

गांधीनगर में जींस का कारोबार करने वाले कारोबारी नरेश सिक्का के मताबिक बांग्लादेश में जो सियासी उठा पटक चल रही है, उसका असर बहुत ज्यादा तो नहीं है, लेकिन थोड़ा बहुत जरूर पड़ेगा क्योंकि पिछले कुछ सालों के अंदर बांग्लादेश से कुछ आइटम्स हिंदुस्तान की अलग-अलग मार्केट के अंदर निर्यात हो रहे हैं. साथ ही आने वाले दिनों में सर्दियां आने वाली काफी जैकेट बांग्लादेश से आती है.

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