दिल्लीः केजरीवाल ने शुरू की CM पोषाहार योजना, रैन बसेरों में हमेशा मिलेगा खाना

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वोट नहीं बने होने के कारण रैन बसेरों में रहने वाले लोग किसी भी पार्टी के वोट बैंक नहीं होते हैं. इसलिए आज तक देशभर में सरकारों ने इन लोगों पर ध्यान नहीं दिया.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (File-pti) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (File-pti)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 7:25 AM IST
  • 'हमारी सरकार ने रैन बसेरों की हालत बहुत अच्छी कर दी'
  • 'सरकार और अक्षय पात्रा की साझेदारी से योजना शुरू हुई'
  • यहां हमेशा और सभी को खाना खिलाया जाएगाः केजरीवाल

दिल्ली में रहने वाले बेघर गरीब लोगों को सभी रैन बसेरों में अब हमेशा दो वक्त का खाना मिलेगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के सभी रैन बसेरों में मुख्यमंत्री पोषाहार योजना की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि सभी रैन बसेरों में अब हमेशा खाना खिलाया जाएगा. सभी को खाना खिलाया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे.

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वोट नहीं बने होने के कारण रैन बसेरों में रहने वाले लोग किसी भी पार्टी के वोट बैंक नहीं होते हैं. इसलिए आज तक देशभर में सरकारों ने इन लोगों पर ध्यान नहीं दिया. हमारी सरकार बनने से पहले तक दिल्ली हाईकोर्ट से हर साल दिल्ली सरकार रैन बसेरों में बदइंतजामी पर डांट खाती थी.

उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार ने रैन बसेरों की हालत बहुत अच्छी कर दी है और अब लोग कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए कुछ किया तो है. सीएम ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार है. हमने सबसे ज्यादा काम गरीबों के लिए किया है. दिल्ली सरकार और अक्षय पात्रा फाउंडेशन की साझेदारी से अब सभी रैन बसेरों में हमेशा खाना खिलाया जाएगा.

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'किसी भी पार्टी की सरकार ने ध्यान नहीं दिया'

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे जो रैन बसेरे हैं, इनमें समाज के सबसे गरीब से गरीब लोग रहते हैं. ऐसे लोग जिनके सिर पर छत भी नहीं होती है, ऐसे लोग जो सड़क के किनारे सोने पर मजबूर होते हैं, जिनके पास कुछ भी नहीं होता है, वो लोग सिर पर छत पाने और मौसम से बचने के लिए रैन बसेरों में आते हैं. एक तरह से आप कह सकते हैं कि सबसे गरीब लोग रैन बसेरों में रहते हैं. यह लोग किसी भी पार्टी का वोट बैंक नहीं है. इनमें से अधिकांश लोगों के वोट नहीं बने हुए हैं. इसलिए कोई भी पार्टी की सरकार आ जाए, वो इनकी तरफ ध्यान नहीं देती है.

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केजरीवाल ने कहा, 'उनको लगता है कि इनकी तरफ ध्यान देने से क्या फायदा, इनके ऊपर पैसा खर्च करने से क्या फायदा है? हम लोग तो 2013-14 में पहली बार नए-नए राजनीति में आए थे. उसके पहले हर साल सर्दियों के महीनों में अखबारों में पढ़ा करते थे. साल दर साल, अखबारों में एक ही कहानी होती थी कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कस के डांट लगाई कि आप लोगों ने रैन बसेरों का ठीक से इंतजाम क्यों नहीं किया? हर साल दिल्ली हाईकोर्ट डांटता था, हर साल दिल्ली सरकार डांट खाती थी. उसके बावजूद भी कुछ नहीं सुधार हुआ.' 

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सीएम ने कहा कि पूरी दिल्ली क्या, पूरे देश के अंदर इस तबके की तरफ कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया. हमारी सरकार आने के बाद हमने सबसे पहले रैन बसेरों की तरफ अपना ध्यान दिया. आज मुझे यह कहते हुए खुशी है कि पिछले 6-7 साल में हमारी सरकार ने इन रैन बसेरों की हालत इतनी अच्छी कर दी है कि अब जो लोग इन रैन बसेरों को देखने आते हैं, वे अपने आप कह उठते हैं कि दिल्ली सरकार ने गरीबों के लिए कुछ किया तो है. इन सारे रैन बसेरों की हालत सुधारी गई. यहां पर इनको ठीक से बिस्तर का इंतजाम किया गया, रहने का इंतजाम किया गया. पहले कोई गरीब से गरीब आदमी भी इन रैन बसेरों में रहना नहीं चाहता था. रैन बसेरों की इतनी बुरी हालत थी, पानी पीने को नहीं मिलता था, नहाने का इंतजाम नहीं था. किसी चीज का इंतजाम नहीं था.

'अब कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा' 

उन्होंने कहा, 'मैंने और मंत्री ने खुद कई-कई रैन बसेरों में जा-जाकर निरीक्षण किया. आप समझ सकते हैं कि जब सीएम खुद जाकर रैन बसेरे में निरीक्षण करता है, तो ऊपर से नीचे तक सारी मशीनरी और नौकरशाही हिल जाती है. फिर उनको लगता है कि यह काम तो करना पड़ेगा, सीएम खुद आ रहा है. इसलिए आज इन रैन बसेरों की हालत बहुत अच्छी है. दिल्ली में 209 रैन बसेरे चल रहे हैं. इन 209 रैन बसेरों में इस वक्त 6000 लोग रह रहे हैं और सर्दियों में लगभग 12,000 लोग रहते हैं. 

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब मुझे बेहद खुशी है कि अक्षय पात्रा फाउंडेशन सामने आया है. आप लोग सब लोग जानते हैं कि इस्कॉन टेंपल अक्षय पात्र फाउंडेशन की संस्था है. वो असली धर्म का काम करते हैं. असली धर्म का काम मतलब कि भूखे को खाना खिलाते हैं. वो असली धर्म है. इनकी संस्था का उद्देश्य है कि किसी को भी भूखे नहीं सोने देंगे. देशभर में, कई राज्यों के अंदर बहुत शानदार काम चल रहा है. जब मैं पिछली बार बेंगलुरु गया था, तब अक्षय पात्रा की सारा किचन और सारा सेटअप देख कर आया था. बहुत ही साफ-सुथरा और मशीनों से खाना बनाते हैं. बहुत-बहुत हाइजेनिक खाना बनाते हैं. आज मुझे खुशी है कि दिल्ली सरकार और अक्षय पात्रा फाउंडेशन के बीच में आज से जो यह साझा कार्यक्रम शुरू हुआ है, इसके जरिए सभी रैन बसेरों में अब स्थाई (हमेशा) खाना खिलाया जाएगा. हमने यह कोरोना से शुरू किया था, लेकिन अब हमेशा खाना खिलाया जाएगा. सभी को खाना खिलाया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे.' 

इस अवसर पर दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि डुसिब द्वारा चलाए जा रहे हमारे सभी सेंल्टर्स में करीब 6 हजार लोग रह रहे हैं. इनकी तरफ से सेल्टर होम में रहने वाले छह हजार बेघर लोगों के साथ ही दिल्ली सरकार के जो हॉस्पिटल बन रहे हैं, उन पर काम करने वाले करीब तीन हजार मजदूरों को भी खाने का इंतजाम किया गया है. सर्दियों में सेल्टर होम में रहने वालों की संख्या बढ़कर दोगुनी यानी 6 हजार से 12 हजार हो जाती है. इन्होंने उनके लिए भी खाने का पूरा इंतजाम करने के लिए कहा है.

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