प्रदूषित हवा से बचाएगी ये डिवाइस, दिल्ली के लिए बन सकती है वरदान

दो सेमी साइज का ये एयरलेंस डिवाइस एक यूज एंड थ्रो डिवाइस है, जिसे पूरे चेहरे पर मास्क की तरह लगाने की जरूरत नहीं है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इसे पहनने के बाद करीब 8 घंटों तक ये डिवाइस लोगों को प्रदूषण से बचाएगी.

Advertisement
एयरलेंस की लॉन्चिंग एयरलेंस की लॉन्चिंग

रोशनी ठोकने / सुरभि गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:28 AM IST

देश की राजधानी दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद बढ़ते प्रदूषण को रोका नहीं जा सका है. लिहाजा लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए कई तरह के मास्क का इस्तेमाल करना पड़ता है. बाजार मास्क की अलग-अलग वैरायटी से भरे पड़े हैं. लेकिन इन तमाम मास्क के बीच एक नया डिवाइस अब प्रदूषण से निपटने में आपकी मदद कर सकता है.

Advertisement

ये नया डिवाइस देखने में बहुत छोटा और पहनने में बिलकुल आसान है. इस डिवाइस का नाम है 'एयरलेंस', जिसे पेरसेपियन इनोवेशन नामक एक स्टार्ट अप वेंचर ने बनाया है. इस डिवाइस के अनुसंधान में 5 युवा शोधकर्ता डॉक्टर शशि रंजन, देबयान शाह, योगेश अग्रवाल, आकांक्षा गुप्ता और डॉ. हर्ष सेठ शामिल हैं. दो सेमी साइज का ये एयरलेंस डिवाइस एक यूज एंड थ्रो डिवाइस है, जिसे पूरे चेहरे पर मास्क की तरह लगाने की जरूरत नहीं है.

नाक में लगाते हैं ये डिवाइस

इस छोटे से डिवाइस को नाक के उस हिस्से में फिट करना है, जिससे हम सांस लेते हैं. इस डिवाइस में एक काले रंग का प्यूरिफायर है, जो पीएम 2.5 जैसे महीन कण को रोकने का काम करेगा. इसका इस्तेमाल घर और बाहर दोनों ही जगहों पर असानी से किया जा सकेगा.

Advertisement

आठ घंटों तक प्रदूषण से बचाएगी डिवाइस

शोधकर्ताओं के मुताबिक इसे पहनने के बाद करीब 8 घंटों तक ये डिवाइस लोगों को प्रदूषण से बचाएगी. फिलहाल ये डिवाइस सिर्फ 6 साल की उम्र तक के छोटे बच्चों के नाक के आधार पर बनाया गया है, जिसके एक पैक की कीमत 500 रुपए से कम होगी, जिसमें 4-4 के सेट में करीब 16 डिवाइस होंगी. इस डिवाइस को persapien.com.india पर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है.

वैज्ञानिक मानकों पर परखी गई डिवाइस

इस डिवाइस को कई वैज्ञानिक मानकों पर विभिन्न एजेंसियों ने परख कर प्रमाणित किया और इसे बायो कम्पैटिबल बताया है. शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस को एक विशेष ऐप से जोड़ा है, जो हवा की गुणवत्ता की जानकारी देते हुए ये भी बताएगा की डिवाइस के इस्तेमाल से आप कितने फीसद प्रदूषण से बच रहे हैं. शोधकर्ताओं की टीम ने अपने इस विशेष डिवाइस के पेटेंट के लिए भी अप्लाई किया है.

साइलेंट किलर बन चुकी है दिल्ली की हवा

पूरी तरह मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट पर आधारित इस डिवाइस के लॉन्च पर एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, लघु उद्योग भारती के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल समेत कई दिग्गज मौजूद थे. डॉ रणदीप गुलेरिया के मुताबिक दिल्ली में मेडिकल इमरजेंसी के हालात हैं. साइलेंट किलर बन चुकी दिल्ली की आबो-हवा से निपटने के लिए अब नए विकल्प तलाशने होंगे. ये नया डिवाइस वायु प्रदूषण से लड़ने में मदद करेगा, लेकिन हमें कोशिश करनी होगी सरकार से लेकर आम जन तक सभी को मिलकर दिल्ली की सेहत सुधारनी होगी ताकि किसी भी मास्क या डिवाइस की जरूरत ही ना पड़े.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement