आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने चौथे बजट को ग्रीन बजट बताया है. साथ ही दिल्ली में पानी की समस्या से निपटने के लिए भी एक खास प्लान को तैयार किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस बजट में पर्यावरण का काफी ख्याल रखा गया है, लेकिन इसके लिए पानी के मैनेजमेंट को भी बेहतर करना जरूरी है.
बता दें, अरविंद केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री जल बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. केजरीवाल ने बताया, '2 करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में 900 एमजीडी पानी आता है. ऐसे में पानी की कमी नहीं मैनेजमेंट की कमी है. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 2600 से 3000 तक बल्क मीटर लगेंगे, 2500 टेपिंग पर भी मीटर लगाए जाएंगे. बल्क मीटर से पानी की मात्रा के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी कि पाइपलाइन में पानी कितना आया और कितना गया, ये मालूम पड़ सकेगा. केजरीवाल ने दावा किया कि बल्क मीटर लगाने का काम दिसंबर तक पूरा होगा.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक सबसे मुश्किल इलाके जैसे संगम विहार, बवाना में पानी की लाइन पहुंचाई गई है. साथ ही 417 कॉलोनी में पाइपलाइन पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि पानी की ऑडिटिंग बहुत जरूरी है. दिल्ली में रोजाना 450 एमजीडी पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलता है इसका 370 एमजीडी पानी यमुना में बहाते हैं जबकि 89 एमजीडी पानी ही इस्तेमाल हो पाता है. ऐसे में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से बचे हुए पानी को घर के शौचालय या पौधों को पानी देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार की जमकर तारीफ में कहा, 'बिजली के क्षेत्र में यह चौथा साल है जब दिल्ली को बिजली आधे रेट में मिलेगी. दावे के साथ केजरीवाल बोले कि पूरे देश मे सबसे सस्ती 'बिजली' दिल्ली में मिलती है. केजरीवाल ने बजट राशि बढ़ाने पर भी अपनी सरकार की पीठ थपथपाई और कहा कि हम से पहले कांग्रेस की सरकार ने 4 हजार करोड़ बजट बढ़ाया जबकि आम आदम पार्टी सरकार ने 23 हजार करोड़ का बजट बढ़ाया. यह एक ईमानदार सरकार का नतीजा है.'
केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने अनियमित कॉलोनियों में 3 साल के अंदर ढाई हजार करोड़ खर्च किए और इस साल डेढ़ हजार करोड़ का बजट है. केजरीवाल ने बेरोजगारी की एक बड़ी समस्या को बताते हुए कहा कि इस साल 25 कौशल सेंटर खोले जाएंगे, बेरोजगारी की एक बड़ी समस्या है, 2014 में सरकार ने वर्ल्ड स्किल सेंटर बनाने का प्लान बनाया था, 2015 से अबतक 1000 क्षमता वाले स्किल सेंटर में 12 वी के बाद बच्चों के लिए स्किल सेंटर खोले गए हैं जहां पिछले हर साल से 100% प्लेसमेंट हुई है.
पंकज जैन