प्राइवेट कंपनियों के ज़रिये करोड़ो रुपए का हवाला करने के सवालों से घिरे दिल्ली की केजरीवाल सरकार के ताक़तवर मंत्रियों में से एक सत्येन्द्र जैन मंगलवार को इनकम टैक्स दफ़्तर में अधिकारियों के सामने पेश हुए. इनकम टैक्स दफ़्तर में पूछताछ का सिलसिला करीब 3 घंटे तक चला. फ़िलहाल आम आदमी पार्टी ने इनकम टैक्स के समन को केंद्र सरकार की साज़िश करार दिया है.'
सत्येन्द्र जैन का समर्थन करने के लिए 'आप' नेता संजय सिंह इनकम टैक्स दफ़्तर तक गए, उनके साथ प्रवक्ता आशुतोष भी पूरे वक़्त इनकम टैक्स दफ़्तर के बाहर मौजूद रहे. संजय सिंह ने 'आजतक' से खास बातचीत करते हुए कहा कि 'दिल्ली सरकार के सबसे ईमानदार मंत्रियों में सत्येन्द्र जैन की गिनती होती है. जिन्होंने फ्लाईओवर बनाने में करोड़ों रुपए बचाए. इनका गुनाह ये है कि इन्होंने ईमानदारी से काम किया. इन्हें सजा दी जा रही है और ये राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई है.''
संजय सिंह ने आगे मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि '5 साल में सत्येन्द्र जैन ने 32 लाख रुपए कंपनी में लगाए जो ईमानदारी का पैसा है. इनकम टैक्स के रिटर्न में भी दिखाया. सारा देश जनता है कि कौन हमारे विधायकों पर फर्जी केस दर्ज करवा रहा है. अरविंद केजरीवाल तक पर फर्जी केस कर दिया गया. केंद्र में बैठी सरकार बदले की भावना से मंत्री और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.''
इनकम टैक्स में पूछताछ के बाद सत्येन्द्र जैन ने पूरी कार्रवाई को राजनीतिक और झूठा बताया. जैन ने कहा कि 'इनकम टैक्स ने इसलिए बुलाया क्योंकि मुझे राजनीति में बदनाम करना चाहते हैं. 2007 से लेकर 2012 के बीच मैंने आर्किटेक्ट रहते जो पैसा कमाया था उसका हिसाब इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाया है. लेकिन मुझसे ऐसे लोगों के बारे में सवाल पूछा जिन्हें में जानता तक नहीं हूं.' मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सफाई देते हुए कहा कि "मुझे गवाह की तरह बुलाया गया था. मुझे घोटालेबाज़ या हवालाबाज़ कहकर बदनाम न करें.'
सबा नाज़ / पंकज जैन