दिल्ली की आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित नगर निगमों के बीच एमसीडी की ओर से संचालित अस्पतालों को लेकर खींचतान चल रही है. इस बीच दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमने उन्हें (MCD को) लिखित प्रस्ताव भेज दिया है.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि व्यवस्था चलाने की जिम्मेदारी उनकी है. MCD को जो भी पैसा देते हैं, वह पता नहीं कहां खर्च कर देते हैं. उन्होंने कभी ऑडिट भी नहीं कराया है. एमसीडी ने अभी कुछ साल पहले केंद्र सरकार को अस्पताल सौंपने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने मना कर दिया. उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार लेना नहीं चाहती थी तो हमने कह दिया कि हमें दे दीजिए अगर आप (MCD) नहीं चला सकते.
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जैन ने आगे कहा कि हमारा इसमें दखल देना नहीं बनता, लेकिन एमसीडी अस्पताल ठीक से चला नहीं पा रहे हैं. वे डॉक्टर और स्टाफ की सैलरी नहीं दे पा रहे हैं, जिसकी वजह से सभी स्टाफ को और मरीजों को परेशानी भी हो रही है. इसलिए हमारी ओर से यह ऑफर किया गया है कि अगर आप नहीं चला सकते तो दिल्ली सरकार को सौंप दें. इसका उपाय हमने उनको दे दिया कि या तो आप सैलरी दीजिए और अगर आप नहीं दे सकते तो अस्पताल हमें दे दीजिए.
इससे पहले दिल्ली सरकार ने बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को नॉन कोविड अस्पताल घोषित कर दिया था, यानी अब यहां किसी कोरोना मरीज का इलाज नहीं होगा. दिल्ली सरकार ने कहा था कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) के कमिश्नर ने निवेदन किया था कि बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को कोविड अस्पताल से नॉन कोविड अस्पताल घोषित किया जाए. दिल्ली सरकार ने इस निवेदन का परीक्षण किया और पाया कि इस अस्पताल में पहले ही मरीज कम थे.
दिल्ली सरकार ने बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को 14 जून को कोविड हॉस्पिटल घोषित किया था. यह वह समय था जब दिल्ली में कोरोना मामले बड़े पैमाने पर सामने आ रहे थे. इस दौरान अस्पताल का मेडिकल स्टाफ लगातार अपने वेतन के लिए संघर्ष कर रहा था, हड़ताल और प्रदर्शन कर रहा था.
पहले दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल के सभी मरीजों को अपने अस्पतालों में शिफ्ट किया, उसके बाद दिल्ली की नगर निगमों को कहा कि अगर आपको अस्पताल चलाने में समस्या आ रही है और आप स्टाफ का वेतन तक नहीं दे पा रहे तो अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप दें.
पंकज जैन