आम आदमी पार्टी के निर्वाचित सभी 135 पार्षदों ने रविवार को एमसीडी के पीठासीन अधिकारी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के चुनाव में एल्डरमैन को वोट करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. "आप" के पार्षदों ने तर्क दिया है कि मनोनीत पार्षद संविधान और डीएमसी अधिनियम के अनुसार मतदान नहीं कर सकते हैं. "आप" के पार्षदों ने मेयर, डिप्टी मेयर व स्थाई समिति के चुनाव से पहले बीजेपी के हरकतों के बारे में अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, जो चुनाव को प्रभावित करने और हेरफेर करने की मंशा को दर्शाता है.
"आप" के पार्षदों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एल्डरमैन की ओर से चुनाव में मतदान करने का कोई भी प्रयास सीधे तौर पर दिल्ली के लोगों के जनादेश का तिरस्कार और अपमान होगा.
वोट करने पर रोक लगाने की मांग
आम आदमी पार्टी के सभी 135 पार्षदों ने आज एमसीडी के पीठासीन अधिकारी को पत्र लिखकर मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के चुनाव में नामित एल्डरमैन को वोट करने पर रोक लगाने की मांग की है. "आप" के सभी पार्षदों ने पत्र में कहा है कि हम आम आदमी पार्टी के सिंबल पर जीतकर एमसीडी के निर्वाचित पार्षद बने हैं. 06 फरवरी 2023 को सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर एवं स्थायी समिति सदस्य का चुनाव होना है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 आर के अनुसार और जैसा कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 3 (बी) (1) के प्रावधान में भी कहा गया है कि, नामित सदस्य (एल्डरमैन) मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के चुनावों में मादतान करने के हकदार नहीं हैं.
संविधान के कुछ आर्टिकल और सेक्शन का उल्लेख
"आप" के निर्वाचित सभी 135 पार्षदों ने संविधान के कुछ आर्टिकल और सेक्शन का उल्लेख भी किया है, जिसमे एल्डरमैन को इन चुनावों में वोट करने से वंचित रखने का प्रावधान किया गया है. मसलन, भारत के संविधान का अनुच्छेद 243आर.
यह अनुच्छेद कहता है कि किसी राज्य का विधानमंडल, कानून द्वारा, (ए) नगर पालिका सभा के नगरपालिका प्रशासन में विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को प्रतिनिधित्व प्रदान कर सकता है. बशर्ते कि पैराग्राफ (1) में निर्दिष्ट व्यक्तियों को नगरपालिका की बैठकों में वोट देने का अधिकार नहीं होगा.
इसी तरह, दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 की धारा 3(बी)(आई) भी है. दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 3(बी)(आई) के प्रावधान में कहा गया है कि इस खंड के तहत नामित व्यक्तियों को निगम की बैठकों में वोट देने का अधिकार नहीं होगा.
इसलिए एमसीडी के प्रोटेम स्पीकर का यह कर्तव्य बनता है कि वे भारत के संविधान के कानून का सम्मान करें और यह सुनिश्चित करें कि मनोनीत सदस्यों को मतदान से वंचित करने वाले इन कानूनों को एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्थाई समिति पद के लिए होने जा रहे आगामी चुनाव में अक्षरशः लागू किया जाए.
चुनाव को प्रभावित करने और हेरफेर का डर
"आप" पार्षदों ने आगे कहा है कि जहां तक इस प्रस्तावित चुनाव की घटनाओं की बात है, तो भाजपा पार्षदों की हरकतें स्पष्ट रूप से एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर व स्थायी समिति सदस्यों के चुनाव को प्रभावित करने और हेरफेर करने के उनके बुरे इरादे को दर्शाती हैं. यह आप और दिल्ली के मतदाताओं को अस्वीकार्य है, जिन्होंने पिछले एमसीडी चुनाव में बीजेपी को खारिज दिया था. अतः हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि किसी भी परिस्थिति में मनोनीत सदस्यों (एल्डरमैन) को मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के लिए होने जा रहे आगामी चुनाव में मतदान करने की अनुमति न दी जाए.
मनोनीत पार्षदों (एल्डरमैन) की ओर से उपरोक्त चुनाव में मतदान करने का कोई भी प्रयास दिल्ली के लोगों के जनादेश का सीधा तिरस्कार और अपमान होगा, जिन्होंने 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को एमसीडी में बहुमत के साथ भेजा था.
पंकज जैन