सुकमा हमला: बहुत कोशिशों के बावजूद नहीं फटा था यूबीजीएल, जवानों को दे रहा धोखा

अरनपुर कैंप में सीआरपीएफ 111वीं बटालियन की डेल्टा कंपनी में जवान हथियारों की सफाई कर रहे थे कि उसी दौरान यूबीजीएल गलती से फायर हो गया. ग्रेनेड फटने की वजह से मौके पर मौजूद 3 जवान घायल हो गए जिसमें से एक की हालत गंभीर है.

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घायल जवान घायल जवान

परमीता शर्मा / सुनील नामदेव

  • छत्तीसगढ़,
  • 15 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:31 AM IST

छत्तीसगढ़ के बस्तर में एंटी लैंडमाइन व्हीकल जवानों के लिए यमराज साबित हो रहा है तो यूबीजीएल भी अपना रंग दिखा रहा है. जरूरत पड़ने पर मुठभेड़ के दौरान यूबीजीएल से दागे गए गोले फट नहीं पा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर यूबीजीएल साफ सफाई के दौरान ही गोला फट जाने से सीआरपीएफ 111वीं बटालियन के तीन जवान बुरी तरह से जख्मी हो गए. उन्हें इलाज के लिए निकटतम सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया गया है. घटना बस्तर के अरनपुर सीआरपीएफ कैंप की है जहां सीआरपीएफ के जवान अपनी यूबीजीएल की साफ- सफाई में जुटे थे.    

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अरनपुर कैंप में सीआरपीएफ 111वीं बटालियन की डेल्टा कंपनी में जवान हथियारों की सफाई कर रहे थे कि उसी दौरान यूबीजीएल गलती से फायर हो गया. ग्रेनेड फटने की वजह से मौके पर मौजूद 3 जवान घायल हो गए जिसमें से एक की हालत गंभीर है. घटना में घायल हुए जवानों में तमिलनाडु के रहने वाले एस.सोरनापालन, एम ज्ञान शेखरन और मध्यप्रदेश के भिंड के रहने वाले राम सिंह शामिल हैं. तीनों घायल जवानों को इलाज के लिए दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल जवानों में से 1 जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया है.

मंगलवार को भी इसी तरह का मामला उस वक्त सामने आया था जब नक्सलियों के साथ मुठभेड़ दौरान यूबीजीएल ने सीआरपीएफ के जवानों को धोखा दे दिया था. मुठभेड़ के दौरान नक्सली सीआरपीएफ के जवानों पर चौतरफा फायरिंग कर रहे थे. उन्हें सबक सिखाने के लिए 212वीं बटालियन के जवानों ने यूबीजीएल से उन पर गोले दागे, लेकिन ये गोले फटे नहीं. इससे नक्सली उन पर और हावी हो गए. गौरतलब है कि मंगलवार को सुकमा के किस्टाराम इलाके में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 9 जवान शहीद हुए थे. ये सभी जवान एंटी लैंडमाइन व्हीकल में सवार थे. यह व्हीकल बारूदी सुरंगों की चपेट में आ गया था. इस दौरान नक्सलियों से लोहा ले रहे सीआरपीएफ के जवानों ने यूबीजीएल से लगातार गोले दागे.

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मुठभेड़ में शामिल एक घायल जवान ने नाम और पहचान ना जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यूबीजीएल धोखा दे रहा है वर्ना मंगलवार को हुई मुठभेड़ का अंजाम कुछ और ही होता. यूबीजीएल अगर साथ देता तो नक्सलियों को जान माल का जमकर नुकसान होता.

फिलहाल यूबीजीएल को लेकर जवानों की शिकायतों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. राज्य के डीजीपी एंटी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी के मुताबिक यूबीजीएल के इस्तेमाल को लेकर अभी उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि जवानों ने किन परिस्थियों में और कैसे यूबीजीएल का इस्तेमाल किया, यह देखना होगा. उनके मुताबिक सुकमा में हुई नक्सली वारदात और मुठभेड़ की होने वाली जांच में इस तरह का कोई मामला सामने आएगा तो सरकार उसकी जांच कराएगी. फिलहाल उन्होंने यूबीजीएल को लेकर हो रही शिकायतों का संज्ञान लेने की बात कही है.

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