जाति मामले में अजीत जोगी को HC से नहीं मिली राहत

संत कुमार नेताम के वकील ने अदालत में जोगी पक्ष की ओर से मांगे गए स्टे का विरोध किया. विरोधी पक्ष ने दलील दी कि 23 साल में कभी भी अजीत जोगी ने अपनी जाति प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन नहीं कराया और कई सालों से जांच में सहयोग नहीं किया.

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अजीत जोगी अजीत जोगी

सुनील नामदेव

  • रायपुर,
  • 28 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

छत्तीसगढ़ में हाईपावर कमेटी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने जोगी को स्टे देने से साफ इंकार कर दिया है और मामले की अगली सुनवाई नौ अगस्त मुकर्रर की है. जोगी के अरमानों पर पानी फेरने के लिए मुख्य शिकायतकर्ता संत कुमार नेताम ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

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संत कुमार नेताम के वकील ने अदालत में जोगी पक्ष की ओर से मांगे गए स्टे का विरोध किया. विरोधी पक्ष ने दलील दी कि 23 साल में कभी भी अजीत जोगी ने अपनी जाति प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन नहीं कराया और कई सालों से जांच में सहयोग नहीं किया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने स्टे देने से इंकार कर दिया और बचाव पक्ष के फैसले से पहले की स्थिति को बहाल करने की मांग ठुकरा दी.

कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई नौ अगस्त मुकर्रर की है. हाल ही में जातिगत मामलों के निर्धारण के लिए गठित हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया था. इस रिपोर्ट के खिलाफ अजीत जोगी हाईकोर्ट गए थे.

 

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