सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा की गिरफ्तारी को सामाजिक संगठनों ने बताया राजकीय दमन

सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और स्टेन स्वामी के घरों पर छापे और गिरफ्तारी के बाद कई सामाजिक और स्वयंसेवी संगठन सक्रिय हो गए हैं. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने बयान जारी कर कहा है कि मानव अधिकारवादी लेखकों और वकीलों को पुलिस ने गिरफ्तार कर राजकीय दमन किया है.

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नक्सलवाद से जुड़े मामलों की पैरवी करने वालीं वकील सुधा भारद्वाज नक्सलवाद से जुड़े मामलों की पैरवी करने वालीं वकील सुधा भारद्वाज

सुनील नामदेव / रविकांत सिंह

  • रायपुर,
  • 28 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से जुड़े मामलों की पैरवी करने वालीं वकील सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और स्टेन स्वामी समेत कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की दिल्ली में गिरफ्तारी का कई सामाजिक संगठनों ने विरोध किया है.

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े कई कार्यकर्ता इस गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. दूसरी ओर, प्रजातंत्र बचाओ आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा है कि गिरफ्तार आरोपी अक्सर नक्सलियों की अवैध गतिविधियों पर चुप्पी साधे रहते हैं लेकिन पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की नक्सली उन्मूलन कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हैं.

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सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के बाद कई सामाजिक और स्वयंसेवी संगठन सक्रिय हो गए हैं. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने बयान जारी कर कहा है कि मानवाधिकारवादी लेखकों और वकीलों को पुलिस ने गिरफ्तार कर राजकीय दमन किया है. संगठन के मुताबिक उनके ये कार्यकर्ता पिछले 30 साल से मजदूरों, आदिवासियों और दलितों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. संगठन का कहना है कि 'गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है, झूठे आरोपों के आधार पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं.'

दूसरी ओर छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर उन्हें नहीं है. चूंकि कार्यवाही दिल्ली में हुई है, लिहाजा दिल्ली पुलिस से संपर्क किया जा रहा है.

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