छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के निलंबित दो विधायकों आरके राय और सियाराम कौशिक ने पार्टी को तगड़ा झटका दिया है. दोनों ही निलंबित विधायकों ने कांग्रेस के राज्यसभा प्रत्याशी लेखराम साहू को वोट डालने से इंकार कर दिया. शुक्रवार को राज्य की विधानसभा में राज्य सभा की एक मात्र सीट के लिए मतदान हुआ. इन दोनों विधायकों के आलावा पार्टी से निलंबित चल रहे अमित जोगी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देने के बजाए विधानसभा में आना ही मुनासिब नहीं समझा.
लिहाजा कांग्रेस प्रत्याशी को पार्टी के 39 विधायकों में से मात्र 36 विधायकों का ही वोट मिल पाया, जबकि बीजेपी उम्मीदवार सरोज पांडेय को 51 वोट मिले. बताया जा रहा है कि आखिरी समय एक मात्र बीएसपी विधायक ने भी बीजेपी के पक्ष में मतदान कर दिया. निर्वतमान राज्यसभा सदस्य भूषणलाल जांगड़े का कार्यकाल खत्म होने पर छत्तीसगढ़ के कोटे से राज्यसभा की यह सीट खाली हुई थी. फिलहाल राज्य की पांच राज्य सभा सीटों में से तीन बीजेपी और दो कांग्रेस के पास है. ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस में खलबली मची हुई है. राज्यसभा मतदान को लेकर दिनभर बीजेपी और कांग्रेस के गलियारों में गहमा-गहमी मची रही.
गौरतलब है कि कांग्रेस के गठन के बाद विधायक अमित जोगी, सियाराम कौशिक और आरके राय ने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था. इसके बाद कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था, जबकि सियाराम कौशिक और आरके राय निलंबित थे. उम्मीद की जा रही थी कि तीनों विधायक कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे. लेकिन तीनों वोट डालने नहीं आए. तीनों विधायकों ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी से माफी मांगे. क्योंकि उन्होंने जोगी को जयचंद की उपाधि देकर अपमानित किया था.
उधर राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय की जीत से बीजेपी गदगद है. सरोज पांडेय के पक्ष में बीजेपी के सभी 50 विधायकों ने मतदान किया. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के निलंबित विधायकों के रुख के बाद पार्टी के भीतर राजनीति गरमाई हुई है. माना जा रहा है कि शनिवार को दोनों ही विधायकों की पार्टी से बर्खास्तगी का एलान हो सकता है. पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया ने राज्यसभा मतदान के बाद एक रिपोर्ट राहुल गांधी को भेजी है. इस रिपोर्ट में दोनों ही निलंबित विधायकों की बर्खस्तगी की सिफारिश की गई है.
सरोज पांडेय के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद बीजेपी के भीतर की राजनीति भी गरमाई हुई है. दरअसल सरोज पांडेय को पार्टी के भीतर का एक खेमा मुख्यमंत्री का दावेदार मानकर उनके पक्ष में माहौल तैयार करने में जुटा है. खुद सरोज पांडेय भी कुछ एक मौकों पर यह कहकर सनसनी फैला चुकी हैं कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह पार्टी आलाकमान तय करेगा. लिहाजा कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी का राजनीतिक गलियारा भी गरमाया हुआ है.
अजीत तिवारी / सुनील नामदेव