ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने बेरोजगारों को बनाया मूर्ख, नौकरी के नाम पर लिए पैसे

अपने पैसे वापिस ना मिलते देख बेरोजगारों ने BEO साहब से बातचीत कर सबूत जुटाए और पर्याप्त सबूत इकट्ठे होने के बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया.

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ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से लिए पैसे ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से लिए पैसे

सुनील नामदेव

  • जशपुर,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके जशपुर जिले के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने कई युवकों से नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रूपये वसूले. जब नौकरी नहीं मिली तो बेरोजगार युवकों ने अपनी रकम की वापसी के लिए उन पर दबाव डाला लेकिन तक तक BEO ने रकम को ठिकाने लगा दिया था. चूंकि रकम कैश दी गई थी, लिहाजा पैसे देने वाले युवकों के पास इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं था कि उन्होंने पैसे दिए हैं. लिहाजा रकम वापसी के लिए इंकार कर दिया.

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अपने पैसे वापिस ना मिलते देख बेरोजगारों ने BEO साहब से बातचीत कर सबूत जुटाए और पर्याप्त सबूत इकट्ठे होने के बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया.  प्राथमिक सबूत मिलने के बाद पत्थलगांव में पदस्थ BEO राधेश्याम दिवाकर पर सरकंडा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी BEO फरार हैं. बताया जाता है कि दर्जनों बेरोजगार धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं.  

दरअसल बिलासपुर निवासी 3 व्यक्तियों से वर्ष 2012 में BEO राधेश्याम दिवाकर ने, नौकरी लगाने के नाम पर 10 लाख रुपए का लेनदेन किया था. इसके  बाद से ना तो उनकी नौकरी लगी और ना ही वो रकम उन्हें वापिस मिली. नौकरी लगाने के नाम पर यही वाक्या सुभाष श्रीवास्तव नामक शख्स के साथ भी हुआ. नौकरी के नाम पर शुरुआत में 4 लाख रुपए लिए गए.  नौकरी लगवाने का आश्वासन देकर पूरे एक साल तक उन्हें मूर्ख बनाया गया.

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यही नहीं पत्थलगांव के 2 अन्य लोगों को भी BEO ने इसी तरह अपने जाल में फंसाया. इसके बाद जांच के बाद सरकंडा पुलिस ने आरोपी BEO के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कर लिया है.  मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी BEO राधेश्याम दिवाकर फरार है. पुलिस उनकी तलाश में जुटी है.

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