छत्तीसगढ़ः बदहाल व्यवस्था की वजह से गोशाला में 30 गायों की मौत

मौके पर पहुंचे अफसरों ने हालात का जायजा लिया है, लेकिन उन्हें यहां से कोई रजिस्टर नहीं मिला है जिससे यह पता चल सके कि आखिर में यहां गायों की संख्या कितनी थी.

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गायें गायें

सुनील नामदेव / वरुण शैलेश

  • रायपुर,
  • 04 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर दर्जनों गाय बेमौत मारी गई हैं. घटना बलौदाबाजार जिले के रोहासी गांव की है. गोशाला में 30 गायें बेमौत मारी गई हैं. गोशाला को यहां कांजी हाउस के नाम से जाना जाता है. कांजी हाउस में लावारिस हालत में घूमने फिरने वाली गायों को रखा जाता है. फिर जुर्माना अदा करने के बाद मालिक अपनी गायों को छुड़ाता है.

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बताया जाता है कि रोहासी गांव की ग्राम पंचायत ने बस्ती के बाहर स्थित गोशाला में गांव में आवारा घूमने वाली लावारिस गायों को रखा था. हफ्तेभर से यहां लगभग सौ गायें इकट्ठा हो गई थीं. यह भी बताया जाता है कि चार दिनों से गायों को दाना पानी नहीं मिला. नतीजतन भूख प्यास के मारे 30 गायें मारी गयीं. वहीं प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. जनपद पंचायत की सीईओ डॉ. के.एस परमार के मुताबिक गायों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है. घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी दी गई है.

महीने भर से रोहासी गांव में पंचायत कर्मियों ने लावारिस गायों को पकड़ने की मुहिम छेड़ी थी. आमतौर पर एक दो दिन तक पकड़ी गई गायों को गोशाला में रखा जाता है. फिर जुर्माना भरने के बाद गायों को गौ पालकों को सौंपा जाता है. आमतौर पर पंचायत एक गाय पर प्रति दिन 50 से 100 रुपये तक का फाइन लगाती है. पशुओं को आवारा नहीं छोड़े जाने की हिदायत देने के बाद गायों को यहां से मुक्त किया जाता है.

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बताया जाता है कि हफ्ते भर में यहां लगभग 100 गायों को लाया गया, लेकिन इनको चारा पानी उपलब्ध कराने के लिए पंचायत कर्मियों ने कोई ध्यान नहीं दिया. दो दिनों से इस गोशाला से बदबू आने लगी. जब स्थानीय ग्रामीणों ने इस ओर झांका तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं. वहां कई गायें मृत दिखाई दे रही थीं. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत जिला पंचायत के अधिकारियों से की है.

बताया जाता है कि इस स्थान पर हफ्ते भर से लगभग 100 गाय रखी गयी थीं. लेकिन चार पांच दिनों से किसी भी गाय को चारा पानी नहीं परोसा गया. इसके चलते दिनों दिन गायों की मौत होना शुरू हो गयी. जब बदबू इस परिसर में फैली तब पंचायत कर्मियों को गायों के मारे जाने की खबर लगी. उन्होंने इस गोशाला का दरवाजा खोला और भूखी प्यासी तमाम गायों को यहां से खदेड़ दिया. मौके में 30 गाय मृत हालत में पाई गईं.

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