'MCD चुनाव में जीत तो झांकी है, दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना बाकी है'

दिल्ली के एमसीडी चुनावों के नतीजे आए हुए 2 दिन का वक्त बीत चुका है लेकिन इसके बावजूद बिहार के एक गांव में जश्न मानो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है.

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मनोज तिवारी का गांव मनोज तिवारी का गांव

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 28 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

दिल्ली के एमसीडी चुनावों के नतीजे आए हुए 2 दिन का वक्त बीत चुका है लेकिन इसके बावजूद बिहार के एक गांव में जश्न मानो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस गांव का नाम है अतरवलिया जो कि कैमूर जिले में स्थित है. पटना से तकरीबन 200 किलोमीटर की दूरी पर बसा है गांव भाजपा की MCD चुनावों में हुई जीत को लेकर अब तक जश्न मना रहा है और इसकी वजह है मनोज तिवारी.

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जी हां, मनोज तिवारी जो कि दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष है और जिनके नेतृत्व में भाजपा ने एमसीडी चुनावों में इतनी बड़ी जीत हासिल की, उन्हीं का गांव है अतरवलिया.

मनोज तिवारी के गांव में अब भी एमसीडी चुनावों के नतीजों के बाद मिठाइयां बांटी जा रही है, ढोल ताशे बज रहे हैं और अबीर गुलाल से होली खेला जा रहा है. अतरवलिया के निवासी और आसपास के अन्य गांव के लोग मनोज तिवारी की मां ललिता कुंवर को मिलने पहुंच रहे हैं और उन्हें बेटे की कामयाबी की बधाइयां दे रहे हैं.

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी की मां ललिता कुंवर ने 'आज तक' से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा था कि उनका बेटा एमसीडी चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत दिलाएगा. मनोज की मां ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि आगे चलकर उनका बेटा एक दिन दिल्ली का मुख्यमंत्री बनेगा.

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मनोज तिवारी के घर के बाहर उन्हीं के द्वारा गाया गया फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर का मशहूर गीत 'जियो हो बिहार के लाला' गाते हुए लोगों को दिखा गया. मनोज तिवारी के भतीजे राहुल तिवारी ने 'आज तक' से बातचीत ने कहा कि मनोज तिवारी ने जिस तरीके की कामयाबी हासिल की है वह पूरे गांव के लिए और देश के लिए मिसाल है. उन्होंने कहा कि मनोज तिवारी गांव के लोगों के लिए रोल मॉडल के तौर पर उभरे हैं.

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