जनता दल (यू) ने लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को कुपुत्र की संज्ञा देते हुए कहा कि ये पाखंडी हैं और पूजा के नाम पर पाखंड करते हैं. पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सार्वजनिक भूमि पर बगैर सक्षम आदेश के मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा का निर्माण करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. इसके लिए तेजप्रताप को जेल जाना पड़ सकता है.
जनता दल (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार की ओर से कहा गया, बिहार में यह नियमावली 2013 में बन चुकी है. सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण के आरोपी बनेंगे तो पिता मिलेंगे रांची के होटवार जेल में और बेटा पटना के बेउर जेल में. बता दें, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने 3 देशरत्न मार्ग बंगला तो खाली कर दिया है, लेकिन उस बंगले के पिछले हिस्से में भव्य मंदिर का निर्माण करा कर सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर लिया है.
इस मंदिर का निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है. महादेव के इस मंदिर में कई देवी देवताओं की मूर्तियां हैं. इसमें बनारस के पंडित पूजा करते हैं. हालांकि बंगला खाली होने के बावजूद उस भाग में लोग रह रहे हैं. मंदिर का अलग से रास्ता बनाया गया है, जो एक गली से होकर गुजरता है.
इससे पहले यह बंगला मुख्य दरवाजा बदलने को लेकर सुर्खियों में आया था. पंडितों के कहने पर तेजप्रताप ने इसका मुख्य दरवाजा देशरत्न मार्ग से बंद करा कर पिछली गली से करा लिया था, लेकिन बाद में परिवार पर कानूनी परेशानी बढ़ने लगी. तब आरजेडी अध्यक्ष के कहने पर फिर से देशरत्न मार्ग से मुख्य दरवाजा बनाया गया, लेकिन पिछली गली पर कब्जा अभी भी बरकरार है.
तेजप्रताप यादव ने पिछले हफ्ते यह बंगला खाली किया, लेकिन खाली करने के बाद उन्होंने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि इस बंगले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भूत छोड़ दिया है.
जनता दल (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद के राजनीतिक रुप से कुपुत्र तेजप्रताप यादव का मंतव्य अपने आप में यह आश्चर्यजनक है क्योंकि उनके माता-पिता के कार्यकाल में 118 नरसंहार का राजनैतिक भूत अब तक उनका पीछा छोड़ नहीं रहा है. पिता जेल की सलाखों तक पहुंच गए. बहन-बहनोई जेल के रास्ते पर हैं.
नीरज कुमार ने कहा कि, इन लोगों के पास धनबल बहुत हो गया है. इसकी वजह से अहंकार पैदा हो जाता है. ये तो पाखंडी है. पूजा के नाम पर पाखंड करता है. पाखंड के नाम पर जहां मंदिर बनाया गया है, वहां समाज के गरीब तबके के लोग रहते थे. उनकी झोपड़ियों को उजाड़ कर यह मंदिर निर्माण कराया है.
यह बंगला भवन निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है. विभाग को भी इस अतिक्रमण की जानकारी हो गई है और वो कानूनी पहलूओं पर विचार कर रहा है.
रणविजय सिंह / सुजीत झा