छापेमारी पर सुशील मोदी बोले- रेखा दूर की चचेरी बहन,10 साल से नहीं मिला

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कुछ महीने पहले ही अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ कागजों को साझा करते हुए सुशील मोदी और उनकी बहन रेखा मोदी पर सृजन घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था.

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (फाइल फोटो) बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 07 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:25 AM IST

बिहार में सृजन घोटाले के मामले में आयकर विभाग की एक टीम ने गुरुवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की बहन रेखा मोदी के यहां स्थित आवास पर छापेमारी की.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग की टीम ने रेखा मोदी के पटना के एस पी वर्मा रोड स्थित सरस्वती अपार्टमेंट स्थित उनके आवास में दोपहर के बाद छापेमारी की. आरोप है कि रेखा मोदी ने सृजन स्वयंसेवी संचालकों से आभूषणों की खरीदारी करने का आरोप है.

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हालांकि, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एकबार फिर रेखा मोदी से किसी प्रकार के संबंधों को नकारा है. मोदी ने एक ट्वीट कर लिखा, "रेखा मोदी मेरे दूर की चचेरी बहन है, मेरा उसके साथ कोई व्यापार या वित्तीय संबंध नहीं है. वह कई आपराधिक मामलों में शामिल है. एक मामले में उसने मेरा नाम भी घसीटा है. पिछले 10 सालों में उससे मुलाकात नहीं हुई है." सुशील मोदी इससे पहले भी रेखा से अपने संबंधों को नकारते रहे हैं.

इस बीच राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस छापेमारी को लेकर एकबार फिर सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा, "सृजन घोटाले में मेरे खुलासे के बाद सुशील मोदी को बचाने के लिए उनकी बहन के घर आयकर विभाग की छापेमारी हो रही है."

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि असली गुनाहगार सुशील मोदी हैं, उनके वित्तमंत्री रहते ही बिहार के वित्तीय बजट का करोड़ों रुपये लुटाए गए. मोदी ने ही सृजन संस्था के खाते से अपनी बहन के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवाया है. तेजस्वी बोले कि इसमें सिर्फ सुशील मोदी ही नहीं बल्कि नीतीश कुमार भी फंसेंगे.

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बता दें कि भागलपुर जिले के कई सरकारी खातों का पैसा स्वयंसेवी संस्था 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' के खाते में रखा जा रहा था. एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद इस मामले का भंडाफोड़ हुआ, अगस्त, 2017 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की सिफारिश की. इस मामले में अब तक 14 मामले दर्ज किए गए हैं.

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