आम उपभोक्ताओं तक पहुंचे जीएसटी कम होने का लाभ: सुशील मोदी

2016-17 में वैट के दौरान पाया गया कि मात्र 36 डीलरों से 47 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई जबकि राज्य के करीब डेढ़ लाख व्यापारियों (कुल करदाताओं के 89 प्रतिशत) जिनका टर्न ओवर डेढ़ करोड़ से कम है, उनसे मात्र 9 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई थी.

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सुशील कुमार मोदी सुशील कुमार मोदी

सुजीत झा

  • पटना,
  • 18 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:08 AM IST

जीएसटी नेटवर्क की चौथी बैठक में भाग लेने के लिए बंगलुरू रवाना होने से पूर्व उप-मुख्यमंत्री सह जीएसटी नेटवर्क मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने वाणिज्य कर कार्यालय (commercial tax office) में करीब 50 अंचल प्रभारियों को संबोधित करते हुए निर्देश दिया कि डेढ़ करोड़ टर्नओवर से नीचे वाले छोटे व्यापारियों को जीएसटी के अंतर्गत रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित करें.

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अधिकारियों से उन्होंने जीएसटी नेटवर्क के अंतर्गत पेमेंट, रिटर्न और ऑडिट में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की जिसे वे बंगलुरू की बैठक में इंफोसिस के शीर्ष अधिकारी नंदन निलकेनी के समक्ष रख कर समाधान की कोशिश करेंगे.

2016-17 में वैट के दौरान पाया गया कि मात्र 36 डीलरों से 47 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई जबकि राज्य के करीब डेढ़ लाख व्यापारियों (कुल करदाताओं के 89 प्रतिशत) जिनका टर्न ओवर डेढ़ करोड़ से कम है, उनसे मात्र 9 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई थी.

जीएसटी लागू होने के बाद बिहार में जुलाई महीने में जहां 75 प्रतिशत वहीं सितंबर में मात्र 49 प्रतिशत ही रिटर्न दाखिल हुआ. अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि छोटे व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने में आ रही समस्याओं का विश्लेषण कर उन्हें दूर करें.

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जीएसटी काउंसिल ने अपनी पिछली बैठक में 175 से ज्यादा रोजमर्रे की चीजों पर 28 से घटा कर 18 प्रतिशत टैक्स कर दिया है. अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे देखें कि टैक्स कम होने का लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलें. अगर कहीं से मुनाफाखोरी की शिकायत मिले तो इसकी सूचना राज्य मुनाफाखोरी रोधी समिति को दें.

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