जेडीयू के बागी नेता और राज्यसभा सांसद शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता की रद्द करने को लेकर 30 अक्टूबर को राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू फैसला कर सकते हैं मगर इन सब से बेखबर शरद यादव 3 नवंबर से एक बार फिर बिहार में तीसरे चरण के अपने जनसंवाद यात्रा पर निकलेंगे. तीसरे चरण की अपनी यात्रा के दौरान शरद यादव 3 दिनों के अंदर पटना, बेगूसराय, खगरिया, भागलपुर, मुंगेर और लखीसराय जिलों का दौरा करेंगे और 30 से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने और फिर बीजेपी के साथ नई सरकार बनाने से शरद यादव काफी नाराज हैं और तब से ही उन्होंने जेडीयू के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया है. नीतीश के महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के फैसले को शरद यादव ने महागठबंधन को 2015 में मिले जनादेश का अपमान बताया है.
शरद की तीसरे चरण की जनसंवाद यात्रा के कार्यक्रम के मुताबिक 3 नवंबर को वह पटना जिले के फतुआ, बख्तियारपुर और हाथीदह में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसी दिन बेगूसराय जिले के बरौनी, बेगूसराय, साहेबपुर कमाल में भी जनसभाएं करेंगे.
4 नवंबर को शरद यादव खगड़िया जिले के मानसी, महेशखूंट और पसराहा में सभाएं करेंगे. 5 नवंबर को शरद भागलपुर जिले के नाथ नगर, अकबरपुर और सुल्तानगंज समेत लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा और बड़हरिया और मुंगेर जिले के बरियारपुर और मुंगेर में जनसभा करेंगे.
जेडीयू से बगावत करने के बाद शरद यादव ने उनके गुट को असली जेडीयू के रूप में मान्यता देने के लिए चुनाव आयोग से अर्जी भी दी थी जिससे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था. शरद यादव 27 अगस्त को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की देश बचाओ भाजपा भगाओ रैली में भी शामिल हुए थे.
शरद के इन्हीं पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से जेडीयू ने उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू को आवेदन किया है. 30 अक्टूबर को शरद को वेंकैया नायडू के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होना है.
उधर दूसरी तरफ शरद यादव ने अपने गुट के पार्टी पदाधिकारियों के नामों की घोषणा 2 दिन पहले की जिसमें रमई राम को बिहार के जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है.
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह / रोहित कुमार सिंह